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विद्यालय प्रबंधन की अनदेखी से पांच सैंकड़ा छात्र-छात्राऐं नहीं दे पाए प्रवेश परीक्षा

विद्यालय प्रबंधन की अनदेखी से पांच सैंकड़ा छात्र-छात्राऐं नहीं दे पाए प्रवेश परीक्षा
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परीक्षा के समय पर रोल नंबर ढूंढते रहे परीक्षार्थी

विद्यालय में परीक्षा देते परीक्षार्थी।

श्योपुर ब्यूरो। जवाहर नवोदय विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही और अनदेखी के चलते नवोदय विद्यालय के पांच सैंकड़ा से अधिक बच्चे परीक्षा में बैठने से वंचित रह गए हैं। जिस समय पर परीक्षा चल रही थी, उस समय ये बच्चे अपने अनुक्रमांक (रोल नंबर) को ढंूढने के लिए परीक्षा केन्द्रों के चक्कर लगा रहे थे। विद्यालय प्रबंधन की इस गलती का खामियाजा 500 छात्रों को भुगतना पड़ा है।

मालूम हो कि, रविवार को नवोदय विद्यालय में कक्षा 5वीं और 8वीं में प्रवेश को लेकर परीक्षा का आयोजन किया गया। प्रवेश परीक्षा में जिले के 3521 छात्र-छात्राओं को सम्मिलित होना था। लेकिन करीब पांच सैंकड़ा परीक्षार्थी प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित रह गए है। जिसके लिए छात्र-छात्राऐं एवं परिजन विद्यालय प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। क्योंकि विद्यालय प्रबंधन की अनदेखी और लापरवाही के चलते परीक्षार्थियों के रोल नंबर परीक्षा केन्द्रों के हिसाब से नहीं डाले गए, जिससे एक तरफ तो परीक्षाऐं चल रही थी और दूसरी ओर करीब पांच सैंकड़ा परीक्षार्थी अपने रोल नंबर को ढूंढने के लिए परीक्षा केन्द्रों के चक्कर लगा रहे थे।

गलती किसकी ?
पांच सैंकड़ा छात्र-छात्राऐं नवोदय विद्यालय में प्रवेश परीक्षा देने से वंचित रह गए है। छात्र-छात्राऐं जहां इसके लिए विद्यालय प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे है, वहीं विद्यालय प्रबंधन अपनी सफाई देते हुए इसे लगती मानने से इंकार कर रहा है।

इस तरह हुई गड़बड़ी
नवोदय विद्यालय के प्रवेश परीक्षा से वंचित रहने की वजह छात्र-छात्राओं के प्रवेश पत्रों में परीक्षा केन्द्रों की लगत शील लगना बताया जा रहा है। नवोदय विद्यालय प्रबंधन की माने तो प्रवेश पत्रों पर परीक्षा केन्द्रों की गलत शील लगने के कारण गड़बड़ी होना बताया जा रहा है। विद्यालय प्रबंधन की इस लापरवाही की वजह से करीब पांच सैंकड़ा परीक्षार्थी केन्द्रों के चक्कर लगाकर घर लौट गए।

विद्यालय प्रबंधन को नहीं थी जानकारी
प्रवेश परीक्षा से वंचित पांच सैंकड़ा छात्र-छात्राऐं परीक्षा में बैठने से वंचित रह गए है, वहीं दूसरी ओर विद्यालय प्रबंधन को इस बात की जानकारी तक नहीं थी। स्वदेश समाचार पत्र द्वारा जब विद्यालय प्रबंधन को इस बात की जानकारी दी गई तो पूरा विद्यालय प्रबंधन हरकत में आ गया और अपनी सफाई पेश करने लगा।

परीक्षा के लिए की थी रात-दिन मेहनत
नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में देने के लिए आए अशोक जाटव पुत्र मकेश जाटव निवासी ढोंढपुर का परीक्षा केन्द्र का नाम शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय निर्धारित किया था, लेकिन उन्हें परीक्षा शुरू होने के कुछ समय पहले ही केन्द्र ये यह कहकर लौटा दिया कि तुम्हारा परीक्षा केन्द्र यहां नहीं है। ऐसे में छात्र-छात्राओं परीक्षा के समय पर परीक्षा केन्द्रों के चक्कर लगाते नजर आए।

ये बनाए गए थे परीक्षा केन्द्र
शासकीय जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा के लिए शासकीय उत्कृष्ट उमावि श्योपुर, शासकीय कन्या उमावि श्योपुर, सेंट पायस स्कूल श्योपुर, शासकीय उत्कृष्ट उमावि कराहल, शासकीय कन्या उमावि कराहल, शासकीय उत्कृष्ट उमावि विजयपुर, शासकीय कन्या उमावि विजयपुर को परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे।

- बच्चों के अनुक्रमांक और परीक्षा केन्द्र के नामों में त्रुटि होने के कारण बच्चों को परेशानी तो हुई है, लेकिन यह हमारी नहीं है, यह जवाहर नवोदय विद्यालय की गलती है।

गुरूजीत सिंह,
प्राचार्य, शासकीय उत्कृष्ट उमावि श्योपुर


हां ऐसे बच्चे हमारे परीक्षा केन्द्र पर आए थे, लेकिन उन्हें सही परीक्षा केन्द्र पर भेजा गया है।

एमएल गर्ग
प्राचार्य, शा. कन्या उमावि श्योपुर

कुछ प्रवेश पत्रों में त्रुटियां हुई, जिन्हें आपकी सूचना मिलने के बाद सुधार दिया गया है। बच्चों प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित क्यों नहीं हो पाए, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।

बीके उपाध्याय
प्राचार्य, जवाहर नवोदय विद्यालय श्योपुर

Updated : 8 Jan 2017 12:00 AM GMT
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