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गलत दवा से कम हो गई मरीज की आंखों की रोशनी

गलत दवा से कम हो गई मरीज की आंखों की रोशनी
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नहीं थम रही झोलाछापों की लापरवाही, सीमएचओ से की शिकायत, नहीं हो रही ठोस कार्रवाई ।



ग्वालियर । झोलाछाप चिकित्सकों के इलाज से आए दिन कोई न कोई मरीज मौत के मुंह में जा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। इसी के चलते एक बार फिर झोलाछाप चिकित्सक की लापरवाही उजागर हुई है, जिसमें एक मजदूर की आंखों की रोशनी कम हो गई, जिसकी शिकायत मरीज ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकरी से की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गड्ढे वाला मौहल्ला निवासी नीरज कुशवाह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। नीरज विगत दिवस आंख में जलन होने पर सिकंदर कंपू कब्रिस्तान के समीन स्थित बंगाली क्लीनिक पर उपचार के लिए पहुंचा था, जहां चिकित्सक द्वारा दी गई दवा के बाद से ही उसे कम दिखाई देने लगा है। नीरज कुशवाह ने बताया वह विगत दिवस तीन दिसम्बर को आंख के उपचार के लिए बंगाली क्लीनिक पर उपचार के लिए पहुंचा था, जहां मौजूद चिकित्सक ने उसे आंख में ड्रॉप डालने के साथ ही खाने के लिए भी कुछ दवा दी। नीरज ने बताया कि ड्रॉप डालने के बाद से ही उसे धुंधला दिखाई देने लगा है, जिसके चलते वह दोबारा पांच दिसम्बर को बंगाली क्लीनिक पर पहुंचा और अपनी परेशानी बताई। इस पर चिकित्सक ने उसे ड्रॉप का निरंतर उपयोग करने के लिए कहा, लेकिन उसके बाद उसे और कम दिखाई देने लगा। इस कारण वह सात दिसम्बर को जयारोग्य चिकित्सालय पहुंचा और नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में दिखाया। नीरज का आरोप है कि चिकित्सक ने उसे गलत ड्रॉप दी है। इस कारण ही उसे धुंधला दिखाई दे रहा है। नीरज ने इसकी शिकायत शनिवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से की है।

14 दिनों में सिर्फ नौ क्लीनिकों को ही कर सके सील:- जिलाधीश के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा तीन दिसम्बर को झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई के लिए नौ दल गठित किए गए थे, लेकिन इन दलों ने शहर में अभी तक सिर्फ नौ क्लीनिकों को ही सील किया है और पांच चिकित्सकों को नोटिस जारी किए हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य महकमा झोलाछापों पर कार्रवाई को लेकर कितना गंभीर है।

इनका कहना है

‘‘मुझे शिकायत प्राप्त हुई है। मैं कंपू में कार्रवाई के लिए जाऊंगा। अगर इस तरह की बिना पंजीकृत क्लीनिक संचालित हो रही है तो उसे सील करने की कार्रवाई की जाएगी।’’

डॉ. एस.एस. जादौन
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

नौ में से सिर्फ तीन दल ही हैं सक्रिय

झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए नौ दल गठित किए थे। इनमें से चार-पांच दलों को शहर में और चार दलों को ग्रामीण क्षेत्रों में कार्रवाई करना थी। इनमें मुरार क्षेत्र में कार्रवाई की जिम्मेदारी ईएनटी के डॉ. पी.एन. कुबेर और झांसी रोड क्षेत्र की जिम्मेदारी डॉ. ए.के. सिंघल को सौंपी गई थी, जिनमें से डॉ. कुबेर ने स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते दल में शामिल होने से मना कर दिया था और डॉ. सिंघल छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी जगह अभी तक अन्य चिकित्सकों को शामिल नहीं किया गया है। वहीं डबरा, भितरवार, हस्तिनापुर, घाटीगांव, मोहना सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए गठित किए गए दलों ने तो अभी तक अपनी कार्रवाई ही शुरू नहीं की है।

Updated : 17 Dec 2017 12:00 AM GMT
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