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बिटकॉइन में निवेश का मन बना रहे हैं तो हो जाएं सावधान!

बिटकॉइन में निवेश का मन बना रहे हैं तो हो जाएं सावधान!
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नई दिल्ली। आभासी मुद्रा बिटकॉइन रोज नए आसमान छू रही है। इस आभासी मुद्रा की रफ्तार देखकर इसकी तरफ आकर्षित होने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। अगर आप भी बिटकॉइन में निवेश का मन बना रहे हैं तो सावधान! कहीं ऐसा न हो कि यह फैसला आपके लिए घातक बन जाए। जिस तरह से रोशनी की तरफ आकर्षित होकर पतंगा अपनी जान गंवा देता है कहीं उसी तरह आप अपने जीवनभर की कमाई न गंवा दें।

अब आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में बिटकॉइन को लेकर कोई स्पष्ट नीति या गाइडलाइन नहीं है। बिटकॉइन को कौन संचालित कर रहा है इसके बारे में भारत सरकार को कोई जानकारी नहीं है। इसको लेकर भारत से कोई संधि भी नहीं की गई है। ऐसे में अगर आपका पैसा डूबता है तो इसके लिए सरकार नहीं आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।

सामने आने लगे हैं भुक्तभोगी

बिटकॉइन की चकाचौंध भरी रफ्तार हर किसी को चकित कर रही है। बिटकॉइन से आपको कब नुकसान पहुंचेगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन इसको लेकर ठगी करने वाले अभी से सक्रिय हो चुके हैं। फेसबुक पर ग्रुप बनाकर 50 से ज्यादा लोगों से बिटकॉइन के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। भारत में दो ऐप से बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त होती है। इनके जरिए बिटकॉइन खरीदने या बेचने पर डेढ़ से दो फीसद तक का कमीशन ऐस संचालक को देना पड़ता है। ठग ने बिना कमीशन के बिटकॉइन देने का वादा किया था और इस कमीशन को बचाने के लिए लोग ठग के झांसे में आ गए।

तीन सदी पहले हो चुका है धोखा

करीब 380 साल पहले बिटकॉइन की तरह ही ट्यूलिप्स की ट्रेडिंग भी अंधाधुंध तरीके से शुरू की गई थी। इसकी उपलब्धता ज्यादा नहीं थी, जिससे शुरूआती मांग चढ़ गई और दाम आसमान पर पहुंच गए। उस समय भी आज के बिटकॉइन की तरह ही लोगों में एक सनक सी सवार हो गई और लोग बेहद ऊंचे दाम पर ट्यूलिप्स की ट्रेडिंग करने लगे। साल 1636-37 में इसकी ट्रेडिंग जितनी तेजी से बढ़ी उससे भी ज्यादा तेजी से उसकी हवा निकली।

रॉथ्सचाइल्ड का उदाहरण भी है सामने

18वीं सदी में एक अमीर आदमी रॉथ्सचाइल्ड पर लोगों को बहुत विश्वास था। इसलिए लोग रॉथ्सचाइल्ड के पास सोना अथवा मुद्रा जमा कराकर ‘हुंडी’ लिखवा लेते थे और उसे लेकर दूसरे देश में स्थित रॉथ्सचाइल्ड की शाखा से मुद्रा ले लेते थे। रॉथ्सचाइल्ड द्वारा जारी की गई हुंडियां एक वैश्विक मुद्रा जैसी हो गईं। सामान्यत: वे जमा सोने के बदले हुंडी जारी करते थे। फिर उन्होंने बिना सोना जमा किए हुंडी जारी करना शुरू कर दिया जैसे रिजर्व बैंक नोट जारी करता है। बिटक्वॉइन का स्वरूप ऐसी हुंडियों जैसा ही है। बिटक्वॉइन तब तक ही अस्तित्व में है जब तक भागीदारों और प्रशंसकों को इस पर भरोसा है।

Updated : 23 Dec 2017 12:00 AM GMT
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