Home > Archived > जहां मौका मिला, शिखर पर पहुंचे हैं शिवराज

जहां मौका मिला, शिखर पर पहुंचे हैं शिवराज

जहां मौका मिला, शिखर पर पहुंचे हैं शिवराज
X

भोपाल। शिवराज सिंह के राजनैतिक कैरियर पर नजर डालें तो दिखाई देगा कि उन्हें जहां भी मौका मिला है, वहाँ वे शिखर पर पहुँच गए हैं। स्कूल के छात्र संघ अध्यक्ष बनने से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री तक की यात्रा इसका प्रमाण है। शिवराज को करीब से जानने वाले कहते हैं कि एक बार किसी से रिश्ता बनाते हैं, तो सुख-दुख के साथी बनकर उसके परिवार का हिस्सा बन जाते हैं। कमोबेश यही झलक एक बार पुन: बदवार गांव में दिखी, जब मुख्यमंत्री ने उसी चिरपरिचित शैली से लोगों का अभिवादन किया। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने सहजता नहीं छोड़ी। मध्यप्रदेश में शिवराज की तीसरी पारी पूरी हो रही है। अपनी शालीन, विनम्र और सहृदय छवि के सहारे शिवराज सिंह चौहान छात्रनेता से सूबे के सबसे लोकप्रिय नेता बन गए। बेशक, विगत 12 सालों में शिवराज के खाते में अगर उपलब्धियां आईं तो चुनौतियों ने भी कभी पीछा नहीं छोड़ा।

मामा के नाम से जनता के बीच नया ब्रांड बनकर उभरे

शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर 2005 को पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ये वो दौर था, जब शिवराज जनता के बीच इतने लोकप्रिय नहीं थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सामने यही सबसे बड़ी चुनौती थी। चौहान ने अपनी मेहनत, कर्मठता और निर्णय लेने की क्षमता से लोकप्रियता का एक नया अध्याय लिखा है। शिवराज मामा के नाम पर जनता के बीच में एक नया ब्रांड बन कर उभरे। शिवराज ने जब सत्ता संभाली थी तब प्रदेश का खजाना खाली था, देश में एमपी को बदहाल सडक़ों के लिए जाना जाता था। लेकिन 12 साल के कार्यकाल में शिवराज ने प्रदेश की सूरत काफी हद तक बदल कर रख दी है। व्यापमं और डंपर कांड जैसे घोटालों के बावजूद उनकी साख पर कोई कमी नहीं आई, व्यापमं मामले में तो उन्हें क्लीनचिट भी मिल गई है। 12 साल में महिलाओं और बच्चों को लेकर अनेक अच्छे कदम उठे हैं। बेटी बचाओ अभियान और लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाएं इसमें मील का पत्थर साबित हुई हैं। वहीं शिक्षा के बढ़ावा देने के लिए मेधावी छात्र योजना का भी बड़ा योगदान रहा है।

प्रदेश को दिलाई ग्लोबल पहचान

मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में देश में उत्कृष्ट स्थान पाया है। मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी का संचालन करा विंध्य को एक नई पहचान मुख्यमंत्री ने दी। इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट के मामले ले तो 27 नए औद्योगिक क्षेत्र बनाए गए हैं। रोजगार के नए अवसर पैदा हुए। पीथमपुर में भी ऑटोमोबाइल कंपनियां आई हैं। 2014 से 2016 के बीच मंदी के बावजूद 2 लाख 72 हजार करोड़ का निवेश आया है। शिवराज ने कहा भी है कि उनका लक्ष्य युवाओं को रोजगार देना है। अब ऊर्जा के वैश्विक संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैकल्पिक उर्जा स्त्रोतों को खंगालते हुए सौर ऊर्जा की नींव रखी है, जो रीवा को ही नहीं, बल्कि देश को एक ग्लोबल पहचान दे रहा है।

Updated : 23 Dec 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top