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एमएलबी महाविद्यालय में रिश्वत लेते पकड़ा बाबू

एमएलबी महाविद्यालय में रिश्वत लेते पकड़ा बाबू
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-छात्रवृत्ति का फार्म जमा करने के बदले मांगे थे एक हजार रुपए
ग्वालियर। छात्रवृत्ति का फार्म जमा करने के बदले एक हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने एमएलबी महाविद्यालय के बाबू को पकड़ लिया। फरियादी की शिकायत के बाद बाबू पर पहले ही मामला दर्ज कर लिया गया था। हालांकि लोकायुक्त ने जमानत पर बाबू को रिहा कर दिया है। छोटेलाल मंडेलिया महारानी लक्ष्मीबाई कॉमर्स एण्ड आर्टस एक्सीलेंस महाविद्यालय का स्नातक प्रथम वर्ष का छात्र है। छोटेलाल का बड़ा भाई जसवंत मंडेलिया उसका छात्रवृत्ति का फार्म जमा करने के लिए महाविद्यालय गया था। छात्रवृत्ति का काम देखने वाले बाबू घनश्याम कुशवाह ने उससे फार्म जमा करने के बदले में दो हजार रुपए की मांग की। एमएलबी महाविद्यालय से एमए कर चुके जसवंत ने बाबू से रिश्वत मांगने का कारण पूछा तो उसने फार्म लेने से साफ इंकार कर दिया। बाबू की शिकायत जसवंत ने लोकायुक्त में सोमवार को कर दी। लोकायुक्त ने जसवंत और बाबू की आवाज टेप कराई, जिसमें सौदा एक हजार रुपए में तय हो गया। इसके बाद मंगलवार को जसवंत अपने भाई का फार्म जमा करने के लिए एमएलबी महाविद्यालय पहुंचा। अपने कक्ष में बैठे बाबू घनश्याम कुशवाह को जसवंत ने एक हजार रुपए दे दिए। एक हजार रुपए लेकर बाबू ने जैसे ही अपनी जेब में रखे तभी लोकायुक्त की टीम ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। जेब से रुपए बरामद करने के बाद बाबू के हाथ धुलवाए गए तो गुलाबी रंग लिकला। बाबू को पकड़ने के बाद वहीं पर जमानत के बाद छोड़ दिया गया।

22 साल से है दैनिक वेतन भोगी

वर्ष 1994 में घनश्याम कुशवाह की नौकरी एमएलबी महाविद्यालय में दैनिक वेतन भोगी के रूप में लगी थी। बताया गया है कि घनश्याम कुशवाह को आठ हजार रुपए वेतन के रूप में मिलते हैं। लोकायुक्त की टीम को पूछताछ के दौरान घनश्याम ने स्वयं यह बात बताई।

Updated : 6 Dec 2017 12:00 AM GMT
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