वर्कप्लेस पर हमेशा रहें खुशमिजाज
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किसी भी वर्कप्लेस पर हमारा सामना दो तरह के लोगों से होता है। एक तो वे जो हमेशा चेहरा लटकाए ऑफिस में घुसते हैं और मशीनवत अपना काम खत्म कर घर लौट जाते हैं। दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं, जिनके ऑफिस में कदम रखते ही माहौल खुशनुमा हो जाता है। बाकी सहकर्मियों पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ता है और कार्यक्षमता बढ़ती है।
ऑफिस की खुशियों को लेकर हुए एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार 65 साल के आसपास के लोग युवाओं की अपेक्षा ज्यादा खुशमिजाज होते हैं, जबकि 15-28 साल के उम्र वाले ज्यादा परेशान। दरअसल इस दौर में वे अपनी पढ़ाई और नौकरी को लेकर ज्यादा रस्साकशी करते रहते हैं। यदि आप खुशमिजाज इंसान हैं तो आपको यह भरोसा रहेगा कि कठिन से कठिन लक्ष्य भी आप साध लेंगे।
खुशमिजाजी के साथ किए गए काम से खुद व टीम को तो फायदा पहुंचता ही है, कंपनी अथवा समाज को भी कई तरीके से लाभ पहुंचता है, क्योंकि उच्च उत्पादकता, नए विचार, रचनात्मकता, सकारात्मक ऊर्जा और अच्छा स्वास्थ्य उसी खुशमिजाजी से जुड़े होते हंै।