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जोड़ों के दर्द, बुखार, यूरिन इंफेक्शन में फायदेमंद है हरसिंगार

जोड़ों के दर्द, बुखार, यूरिन इंफेक्शन में फायदेमंद है हरसिंगार
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जोड़ों के दर्द, बुखार, यूरिन इंफेक्शन में फायदेमंद है हरसिंगार

हरसिंगार एक फूल का पौधा है। इसके फूल रात में ही खिलते हैं? इसे नाइट जैस्मिन और रातरानी भी कहा जाता है। भगवान की आराधना में इस फूल का जितना महत्व है उतना ही औषधियों के रूप में। हरसिंगार के पौधे का हर हिस्सा कई बीमारियों में रामबाण की तरह काम करता है। आयुर्वेद चिकित्सक अखिलेश कुमार विजय कहते हैं कि इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। यह लगभग पूरे भारत में पाया जाता है।

कैसे बनायें काढ़ा

हरसिंगार के 21 पत्ते लें। 2 ग्लास पानी में 2-3 काली मिर्च के साथ उबालें। जब एक कप पानी बच जाए तो उसे चाय की तरह पी लें।

हरसिंगार के लाभ

बी-क्लोई में - मूत्र मार्ग के संक्रमण के कारण होने वाली इस बीमारी के इलाज में हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा बहुत कारगर है।

साइटिका में - साइटिका बीमारी या जोड़ों के दर्द में भी हरसिंगार के पत्ते का सेवन लाभकारी होता है। कहा जाता है कि 21 दिन तक हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पिया जाय तो साइटिका का दर्द दूर हो जाता है।

बुखार में हरसिंगार के प्रयोग: ऐसा बुखार जो ठीक नहीं हो रहा हो तो हरसिंगार के काढ़े का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। बहुत ही अचूक दवा मानी जाती है।
शारीरिक विकास में हरसिंगार का प्रयोग: इसके फूलों को छाया में सुखाकर पाउडर बना लीजिये और फिर मिश्री मिलाकर खाली पेट सेवन कीजिए। शारीरिक शक्ति का विकास होगा।

जोड़ों के दर्द में हरसिंगार का प्रयोग: जोड़ों का दर्द होने पर हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पीना चाहिए। निश्चित रूप से लाभ होगा।

किडनी संक्रमण: किडनी के संक्रमण में जब एलोपैथ की तमाम दवाएं रेसिस्ट हो जाती है तो हरसिंगार का इस्तेमाल चमत्कारी लाभ पहुंचाता है।

तलवा के जलन में: आमतौर पर महिलाओं में तलवे में जलन की शिकायतें होती हैं। अगर हरसिंगार के फूल को पीसकर उसका लेप लगाया जाय तो जलन दूर हो जाता है।

फेस पैक के रूप में: आयुवेर्दाचार्य कहते हैं कि हरसिंगार के फूल को पीसकर फेस पैक के रूप में इस्तेमाल करने से रुखी त्वचा में चमत्कारिक लाभ दिखेगा।

Updated : 20 Feb 2017 12:00 AM GMT
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