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शिक्षा और बैंकों की कार्य प्रणाली चिंताजनक

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि आज की शिक्षा से बच्चों का समुचित विकास नहीं हो रहा है। ढाई साल की उम्र से ही प्री नर्सरी के नाम पर बच्चों को स्कूल भेज दिया जाता है।

यह बात उन्होंने अपने निवास पर आयोजित विद्या भारती मध्य भारत प्रांत के खेल प्रतिभा अभिनंदन समारोह में कही। सीएम ने कहा कि बच्चा ढाई साल का हुआ कि पालक उसे प्री नर्सरी में प्रवेश दिला देते हैं। बच्चा ना खेल पाता है ना बढ़ पाता है। मैं 6 साल की उम्र में स्कूल गया था। उन्होंने कहा कि सरकार की शिक्षा ऋण देने की घोषणा बैंकों के कारण सफल नहीं हो सकी है। पालकों की चप्पल घिस जाती है। मैं कहां तक बैंकों के पीछे डंडा लेकर पड़ा रहूंगा। बैंक बच्चों को लोन नहीं देते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि विद्या भारती के स्कूलों में खेल कूद के लिए कोच दिए जाएंगे। वहां के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए उन्होंने मंच से ही स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह को तीनों घोषणा के पालन के निर्देश दिए। उन्होंने विद्या भारती के विद्यार्थियों की तारीफ करते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि बच्चों ने सीमित संसाधनों में खेल के मैदान में चमत्कार किया है। विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गोविंद प्रसाद शर्मा ने मांग की थी कि विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाना चाहिए।


स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल नम्बर सार्वजनिक किए जाएंगे। एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा। जो शिक्षक स्कूल पर नियत समय पर नहीं पहुंचते हैं उनकी शिकायत नियंत्रण कक्ष में की जा सकेगी। लापरवाही पाए जाने पर शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही होगी।

Updated : 30 March 2017 12:00 AM GMT
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