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जीएलए में इंटरनेट थिंग्स इंडस्ट्रीयल ऑटोमेशन एण्ड थ्रीडी प्रीटिंग पर हुई कार्यशाला

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय के यांत्रिकी अभियांत्रिकी विभाग ने सेटपा इंफोटेक पीवीटी एलटीडी के सहयोग से इंटरनेट थिंग्स इंडस्ट्रीयल ऑटोमेशन एण्ड थ्रीडी प्रीटिंग पर आयोजित कार्यशाला में विद्यार्थियों ने इंडस्ट्रीयल की उपयोगिता जानी।
कार्यशाला में सेटपा इंफोटेक ग्रेटर नोएडा से आये दिपांकर राज मलिक और उनके साथियों ने छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण के दौरान बताया कि वर्तमान समय में सभी टेक्नोलॉजी इंटरनेट से जुड गयी है। कम्प्यूटर आधारित प्रणालियों में प्रत्यक्ष रूप से एकीकरण के अवसरों को बनाने और मानव हस्तक्षेप के अलावा बेहतर दक्षता, सटीकता और आर्थिक लाभ के कारण वस्तुओं को दूर से नियंत्रित करने की अनुमति देता है।

उन्होंने इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह औद्योगिक कंपनियों के लिए बड़ी क्षमता प्रदान करती है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक ऐसी कॉन्सेप्ट है जिसके तहत इंटरनेट से जुड़े खुद की सोच-समझ रखने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इंटरनेट के माध्यम से समय से पहले कुछ काम कर सकते हैं। इसे तकनीक की दुनिया में नॉन-स्क्रीन कम्प्यूटिंग भी कहा जा रहा है, क्योंकि ये उपकरण एक कम्प्यूटर की तरह सोच तो सकते हैं, लेकिन इनमें कम्प्यूटर की तरह कोई स्क्रीन नहीं है।

विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल ने कहा कि थ्रीडी प्रीटिंग तकनीक हमारे जीवन में नवीनता ला रहा है, क्योंकि इसके द्वारा हम कम्प्यूटर से कोई भी सामान पेपर पर नहीं बल्कि ठोस अवस्था में प्रिंट किया जा सकता है। अगर कोई वस्तु दुकान पर महंगी लगती है और उसे खरीद नहीं सकते तो इंटरनेट से डाउनलोड कर थ्रीडी प्रिटिंग के माध्यम से उसे प्रिंट किया जा सकता है।
इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चौहान, विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल, प्रो. कमल शर्मा, प्रो. अरूण कुमार तिवारी ने माँ सरस्वती एवं प्रेरणास्त्रोत स्व. गणेशीलाल अग्रवाल के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया।

कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चौहान ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए इस टेक्नोलॉजी की इन्डस्ट्रीज में उपयोगिता बताई। विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इसमें संजीव कुमार गुप्ता, तोषित जैन का सहयोग सराहनीय रहा।

इलेक्ट्रिकल इंजी. में शॉर्ट टर्म कोर्स का आयोजन

जीएलए विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा सोलर फोटोवोल्टिक टेक्नॉलॉजी पर शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन हुआ। आठ सप्ताह तक चले इस कोर्स में सिम्पा इनर्जी ने अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।

इस कोर्स में छात्र-छात्राओं ने सौर ऊर्जा से संबंधित तकनीकी ज्ञान हासिल किया। विभागाध्यक्ष डॉ. संजय मौर्या, कार्यक्रम प्रभारी अपूर्व सक्सैना, सचिन गोयल एवं अन्य फैकल्टी मैम्बर्स मौजूद थे। सिम्पा इनर्जी वीपी प्रोडक्शन के प्रमुख डॉ. संजय बरूआ और निदेशक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता के संबोधन ने छात्रों में उम्मीद की नई दिशाओं को जन्म दिया।

Updated : 22 April 2017 12:00 AM GMT
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