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रेलवे का बड़ा कदम : पूर्वोत्तर में 20 बड़ी रेल परियोजनाएं प्रगति पर

रेलवे का बड़ा कदम : पूर्वोत्तर में 20 बड़ी रेल परियोजनाएं प्रगति पर
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नई दिल्ली। रेल मंत्रालय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र की रेल अवसंरचना के सुधार पर प्रमुखता से जोर दे रहा है। यहां 1664 किलोमीटर की लंबाई वाली 12 नई रेल लाइनों के निर्माण और चार लाइनों के दोहरीकरण की 20 बड़ी रेल परियोजनाएं प्रगति पर हैं। इनकी लागत 43,771 करोड़ रुपये के लगभग है।

रेल मंत्रालय के अनुसार उत्‍तर पूर्व के 8 राज्‍यों में से अब तक 7 राज्‍य रेल नेटवर्क से जुड़ गए हैं। सिक्किम के लिए 44 किलोमीटर लंबी सिवोक-रंगपो की नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दी गई है। पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में पूरे मीटर-गेज खंड को पूर्ण रूप से बड़ी लाइन में बदल दिया गया है। वर्ष 2016-17 में इन परियोजनाओं तथा कुछ पूरी हो चुकी परियोजनाओं की बकाया देनदारियों पर 7,143 करोड़ रूपये खर्च किये गए है। वर्ष 2017-18 के बजट में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के कार्यों के लिए 5,586 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है। वर्ष 2017-18 के बजट में 9,279 करोड़ रुपये की लागत वाली कुल 186 किलोमीटर लंबी 3 नई रेल लाइनों और 3,944.32 करोड़ रूपये की लागत वाली कुल 17.3 किलोमीटर लंबी 2 लाइनों के दोहरा करने और नई लाइनों के लिए 18 सर्वेक्षणों को शामिल किया गया है।

मंत्रालय ने मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि अरूणाचल की राजधानी ईटानगर से 10 किमी की दूरी पर स्थित नहरलगुन को रेल से सीधे राष्‍ट्रीय राजधानी से जोड़ा गया है। बलिपारा-भालकपोंग का लाइन परिवर्तन आरंभ होने से अरूणाचल प्रदेश को दूसरी बड़ी लाइन सुविधा दी गई है। रंगिया-मुरकोंगसेलेक की बड़ी लाइन आरंभ होने से असम-अरूणाचल सीमा के निकट ब्रह्मपुत्र नदी के उत्‍तरी तट की ओर पूरी लाइन बड़ी लाइन से जुड़ गई है। दूधनोई-मेंडीपथर रेल लाइन के आरंभ होने से मेघालय भी देश के रेल मानचित्र में शामिल हो गया है। लंबदिग-सिलचर बड़ी लाइन के आरंभ होने बरक घाटी देश के बड़ी लाइन नेटवर्क में शामिल हो गई है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला को बड़ी लाइन नेटवर्क में लाया गया है। अरूणाचल–जिरिबम अनुभाग में लाइन परिवर्तन आरंभ होने से मणिपुर राज्‍य भी बड़ी लाइन से जुड़ गया है। कथकल-भैरबी में लाइन परिवर्तन आरंभ होने से मिजोरम राज्‍य भी बड़ी लाइन नेटवर्क में शामिल हो गया है। लगभग 900 किलोमीटर की मीटर लाइन को बड़ी लाइन में बदला गया है। अब पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में कोई भी छोटी लाइन नहीं बची है। पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में 29 नई रेल की सेवाएं प्रदान की गई हैं।

Updated : 24 Jun 2017 12:00 AM GMT
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