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25 जुलाई को 14 वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे कोविंद

25 जुलाई को 14 वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे कोविंद
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नई दिल्ली।
देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर एक दलित नेता की ताजपोशी हो गई। राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद देश के 14 वें राष्ट्रपति चुन लिए गए। उन्होंने विपक्षी प्रत्याशी मीरा कुमार को तीन लाख, 34 हजार, 730 मतों के बड़े अंतर से पराजित किया। कोविंद की जीत भाजपा के लिए इसलिए मायने रखती है। क्योंकि पहली बार पार्टी का कोई नेता राष्ट्रपति चुना गया है। राष्ट्रपति बनने वाले कोविंद उत्तर प्रदेश मूल के पहले नेता हैं। 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर उनको शपथ दिलाएंगे।

हम आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के मुख्य निर्वाचन अधिकारी लोकसभा महासचिव अनूप मिश्र ने संसद भवन में वोटों की गिनती पूरी होने के बाद रामनाथ कोविंद की जीत की घोषणा की। इसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी और मीरा कुमार आदि ने बधाई दी। रामनाथ कोविंद की जीत पहले से ही तय थी। जिज्ञासा केवल वोटों के अंतर को लेकर थी। आंध्र प्रदेश एक ऐसा राज्य था जहाँ के पूरे वोट कोविंद को मिले। राजग के अलावा टीआरएस, बीजद, अन्नाद्रमुक और जदयू ने भी कोविंद का समर्थन किया। रामनाथ कोविंद 21 राज्यों में मीरा कुमार से आगे रहे। सिर्फ आठ राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में मीरा कुमार को ज्यादा वोट मिले।

गौरतलब है कि इस चुनाव में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा जैसे राज्यों में क्रॉस वोटिंग हुई, जिसका लाभ कोविंद को मिला। मिसाल के तौर पर पश्चिम बंगाल में राजग के कुल 6 विधायक थे। मगर उसे 11 विधायकों ने वोट दिया। गुजरात में कांग्रेस के 57 विधायक हैं,लेकिन मीरा कुमार को 49 विधायकों ने ही वोट दिया। ऐसे ही दिल्ली में भाजपा के 4 विधायक हैं, पर कोविंद को 6 वोट मिले. यही हल गोवा का रहा। यहां कांग्रेस के 16 विधायक हैं, पर मीरा को केवल 11 वोट ही मिले। खास बात त्रिपुरा की रही जहां भाजपा का कोई विधायक नहीं होने पर भी वहां कोविंद को 7 वोट मिले। असम में भी विपक्षी खेमे के चार विधायकों ने कोविंद के पक्ष में मतदान किया।

Updated : 21 July 2017 12:00 AM GMT
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