Home > Archived > ‘हरेला पर्व’ से जगी ग्रामीणों में प्रकृति संरक्षण की पुण्य भावना

‘हरेला पर्व’ से जगी ग्रामीणों में प्रकृति संरक्षण की पुण्य भावना

‘हरेला पर्व’ से जगी ग्रामीणों में प्रकृति संरक्षण की पुण्य भावना
X

-डाॅ. हरीश जी के सानिध्य में ग्रामसभा खासपुर में सघन वृक्षारोपण
हरेला पर्व में ग्रामीणों के साथ वृक्षारोपण के बाद टी-गार्ड लगाते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रजप्रांत प्रचारक डाॅ. हरीश जी।

आगरा। प्रकृति के प्रति आम्मीयता और प्रकृति-संरक्षण की चिरंतन, शाश्वत धारा है हमारी भारतीय संस्कृति। प्रकृति संरक्षण की पुण्य भावना हमारे मनायोगों में इतनी भीतर तक समायी है कि हम प्रकृति से अलग अपने अस्तित्व की कामना भी नहीं कर सकते। इसी का परिणाम है कि देवभूमि उत्तराखंड से निकलती ‘हरेला पर्व’ की वैतरिणी प्रकृति और मानव के सहअस्तित्व को आज मूर्त रूप दे रही है और इसका साक्षात्कार ताजनगरी निवासियों को दयालबाग क्षेत्र के नगला तल्फी, खासपुर में मंगलवार को देखने को उस समय मिला, जब नन्हें बालकों से लेकर गांव के वृद्ध माता-पिता, युवा भाई-बहिनों ने एक साथ मिलकर पौधों का पूजन कर रोपण किया।

हरियाली तीज की पूर्व भोर बेला में प्रकृति को हरे रंग का आवरण उढ़ानें की प्रेरणा देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रजप्रांत प्रचारक डाॅ. हरीश जी ने पौधारोपण करते हुए ‘हरेला पर्व’ का शुभारंभ किया। पर्व के प्रथम चरण में ग्रामीणों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्रज प्रांत कार्यवाह राजपाल जी, महानगर संपर्क प्रमुख सीए प्रमोद चैहान ने छायादार पौधों का रोपण किया।

पौधारोपण करते विहिप प्रांत संगठन मंत्री मनोज जी, विधायक महेश गोयल, नगरायुक्त अरूण प्रकाश, बबिता चैहान, एड़ अशोक चैबे व अन्य।

सात्विक ऊर्जा के स्रोत हैं वृक्ष

ग्रामीणों को संबोधित करते हुए ब्रजप्रांत प्रचारक डाॅ. हरीश जी ने कहा कि हमारी संस्कृति में प्राकृतिक शक्तियों को देवता स्वरूप माना और यह सात्विक ऊर्जा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि पेड़ों को लगाना और संरक्षण की योजना आध्यात्मिकता भी है। उन्होंने कहा कि भूमि का तापमान लगातार बढ़ रहा है और परिणामः हिमालय पिघल रहा है, जिससे आकारण बाढ़ व अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रहीं हैं। डाॅ. हरीश जी ने कहा कि सभी मिलकर अपने घर-आंगन, क्षेत्र और घरों की छतों का प्रयोग भी हरियाली बढ़ाए और पौधारोपण करें। उन्होंने गांव में पुनः आने व गांववालों के साथ पौधारोपण अभियान में सहभागिता की बात कही।

हमारी संस्कृति में निहित है प्रकृति वंदना-मनोज जी

हरेला पर्व के दूसरे चरण में प्रातः दस बजे विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री मनोज जी ने फलदार पौधों का रोपण किया। मनोज जी ने कहा कि आयुर्विज्ञानियों की धारणा है कि संसार में ऐसी कोई वनस्पति नहीं जिसका सदुपयोग न हो। संभवतः इसलिए वृक्षों को वंदनीय कह गया है। मत्स्य पुराण में तो यहां तक कहा गया है-दस कुओं के बराबर एक बावड़ी है, दस बावड़ी के बराबर एक तालाब है, दस तालाबों के बराबर एक पुत्र है और दस पुत्रों के बराबर एक वृक्ष है।

इन्होंने ने किया पौधारोपण

खेरागढ़ के विधायक महेश गोयल, नगरायुक्त अरूण प्रकाश, समाजसेवी बबिता चौहान, शिक्षाविद् व भाजपा नेता संजीव यादव, जिला पंचायत सदस्य राकेश चौधरी, मोहित जैन, लायंस क्लब आधार के अध्यक्ष ओमपाल जादौन, समाजसेवी राजेश मंगल, राकेश शुक्ला, अशोक निषाद आदि ने पौधारोपण किया। हरेला पर्व समिति, आगरा महानगर के संयोजक एड़ अशोक चौबे, गांव के प्रधान चौ. उदयवीर सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कुल सौ पौधों का रोपण किया गया। जिसमें नीम, नींबू, जामुन, पीपल, मोलश्री, तगर आदि वृक्ष शामिल रहे।

Updated : 26 July 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top