कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों को रोकने के लिए आया "इत्र बम"
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कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में बना ‘इत्र बम’ कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों को काबू करेगा। इसका इस्तेमाल पैलेट गन की जगह किया जा सकता है।
इत्र बनाने के लिए मशहूर कन्नौज में कैप्सूल के आकार का तेज बदबू वाला बम तैयार किया गया है। इसे आंसू गैस छोड़ने वाली बंदूक के जरिये दागा जा सकेगा। ‘इत्र बम’ के फटने से धुआं उठेगा, जिसकी दुर्गंध को बर्दाश्त करना लोगों के लिए मुश्किल हो जाएगा। कन्नौज स्थित फ्रेग्नेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर (एफएफडीसी) के वैज्ञानिकों ने ‘दुर्गंधयुक्त बम’ बनाया है।
बता दें कि एफएफडीसी के प्रधान निदेशक शक्ति विनय शुक्ला ने कहा कि दुर्गंध फैलाने वाले रसायन को एक छोटे कैप्सूल में रखा जाएगा। ग्वालियर की रक्षा प्रयोगशाला में जल्द ही इसका परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण सफल होने के बाद सेना इसका उपयोग कर सकती है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की पहल पर रक्षा मंत्रालय ने इसके परीक्षण को मंजूरी दी है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और रक्षा मंत्रालय की आवश्यक मंजूरी और स्वीकृति के बाद इसे सेना को सौंपा जाएगा। कैप्सूल की गंध ही असहनीय है लेकिन व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका कोई असर नहीं होता है। ज्ञात हो गत वर्ष केंद्र सरकार ने भीड़ से निपटने के लिए पीएवीए (मिर्च पाउडर भरे ग्रेनेड) के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।