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अदम्य साहस की धनी रति जैन

अदम्य साहस की धनी रति जैन
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-अरुण शर्मा/रुकमणि पाल

एक साधारण सी महिला जो शादी के बाद सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाती है। अचानक उसके सामने ऐसी विषम परिस्थितियां आ जाती हैं। वह उन परिस्थितियों से हार न मानकर डटकर उनका मुकाबला करती है और अंतत: सफल हो जाती है। ऐसे किस्से आपने टीवी सीरियलों और फिल्मों में खूब सुने व देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको शहर की ऐसी महिलाओं से रू-ब-रू कराने का काम कर रहे हैं, जिनमें समाज के प्रति कुछ करने का जज्बा है। यह ऐसी महिलाएं हैं जो घर-परिवार के साथ सामाजिक दायित्वों को भी बखूबी निभा रही हैं, इसी के साथ घर बैठे लघु उद्योगों को भी संचालित कर रही हैं और समाज में अपनी एक अद्भुत छवि भी बना रही हैं। हम बात कर रहे हैं रति जैन की, जिन्हें सभी वण्डर वूमन के नाम से बुलाते हैं। इनके लिए कोई भी काम करना कठिन नहीं है। यह हर काम को चुटकियों में कर देती हैं। वर्तमान में रति जैन एक एनजीओ चला रही हैं, इसी के साथ आप आॅन लाइन व्यापार भी करती हैं, जेसीआई मेट्रो से जुड़ी होने के साथ सामाजिक दायित्वों को भी बखूबी निभा रही हैं और शिक्षा के क्षेत्र में पीएचडी भी कर रही हैं। इसी के साथ आप में बहुत कुछ आगे करने का जज्बा भी है।

हर कार्य को करने की क्षमता रखने वाली और सामाजिक कार्यों के साथ समाज में विशिष्ट स्थान रखने वाली रति जैन कहती हैं कि मेरे तीनों बच्चे मुझे बेहद प्यार करते हैं। बच्चे मुझे वण्डर वूमन कहकर पुकारते हैं। रति जैन कहती हैं कि उन्हे खाली बैठना कतई पसंद नहीं है। इसलिए वह हर वक्त किसी न किसी कार्य में लगी रहती हैं। वर्तमान में रति जैन ग्लोबल जैन एण्ड वैश्य आर्गनाइजेशन की अध्यक्ष हैं, आप एक कुशल एडवोकेट भी हैं, आप जेसीआई मेट्रो की सदस्य होने के साथ जेसीआई सुरभि में बोर्ड आॅफ मेम्बर होने के साथ इनकम टैक्स की प्रैक्टिस और पीएचडी भी कर रही हैं। कुल मिलाकर आप अद्भुत प्रतिभा की धनी हैं।

रति जैन देश की उन महिलाओं में से एक हैं जिसने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी और हर चुनौती को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ती चली गर्इं। कई संघर्षों के बाद भी रति जैन के चेहरे पर मायूसी तक देखने को नहीं मिलती हैं। वह सदा ही मुस्कुराती रहती हैं। यहां हम आपको रति जैन के उस संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं, जहां बड़े-बड़े लोगों का धैर्य टूट जाता है और उनके कदम लडखड़ा जाते हैं या वह पीछे हट जाते हैं। रति ने बताया कि शादी से पहले मैंने क्लास 11 ही पास किया था। 18 वर्ष की उम्र में शादी हो गई। इसके बाद 19 वर्ष की उम्र में बड़ी बेटी भाग्यश्री हो गई थी और तीन वर्ष के बाद बेटा हुआ। मेरी बड़ी बेटी को सुनने और बोलने की गंभीर समस्या थी। कोई सामान्य स्कूल इसको लेने के लिए तैयार नहीं था। मैंने अपनी बड़ी बेटी के साथ कड़ी मेहनत की और इसको कॉर्मल कान्वेंट स्कूल में एडमिशन करवाया। यह पहली ही ऐसी बच्ची थी, जिसे स्कूल ने अपने यहां एडमिशन दिया। विधाता का खेल देखो कि मेरे बेटे को भी कुछ इसी प्रकार की परेशानी खड़ी कर दी। इन दोनों के साथ मैंने 15 वर्ष तक कड़ी मेहनत की। इसके बावजूद मेरा स्वास्थ्य भी कई बार गड़बड़ाता रहा और मैं हार को अस्वीकार करते हुए इन बच्चों को तैयार करने में लगी रही।

मेरी जिंदगी टर्निंग प्वाइंट बनी नीना शाह
मेरे यहां एक टीचर नीना शाह आती थीं जिन्होंने कहा कि आप अपने बच्चों के भविष्य के लिए आगे की पढ़ाई करो। उनकी बात मेरे दिल को छू गई और मैंने ससुराल में रहते हुए क्लास 12, बीए, एलएलबी, एलएलएम किया। वर्तमान में इनकम टैक्स की प्रैक्टिस और पीएचडी कर रही हूँ। इसके साथ मेरी वकालत भी चल रही है। भगवान की कृपा से मेरे दोनों बच्चे अब स्वस्थ हैं। मेरी बड़ी बेटी ने इंजीनियरिंग पूरी कर ली है।

रोल मॉडल मेरे पिता हैं
मेरे पिता एक सामाजिक व्यक्ति हैं। मेरे पिता राजनीति में भी सक्रिय हैं। मेरे पिता बीस वर्ष से सामाजिक कार्यों को कर रहे हैं। आज मैं जिस भी मुकाम पर हूँ वह सब मेरे पिता के आदर्श हैं। मेरे पिता मेरे लिए रॉल मॉडल है। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। आज भी मुझे मेरे पिता का सहयोग कदम-कदम पर मिलता रहता है।

एक नजर में जानें रति को...
रति को बच्चों के साथ खेलना, स्वीमिंग, ड्रायविंग, घूमना, मैच देखना, समाचार सुनना, मूवी देखना, ग्रुप के साथ रहना और गाने सुनना बेहद ही पसंद हैं। रति बताती हैं कि उन्हें एटीट्यूट दिखाने वाले लोग पसंद नहीं हैं। साथ ही रति ने स्वीमिंग एवं सौंदर्य जैसी कई प्रतियोगिताएं जीती हैं। आप बोलने में कम और काम करने में अधिक विश्वास रखती हैं। आपकी सफलता के पीछे आपकी सास और पति का बहुत बड़ा सहयोग है पति के साथ कभी-कभार आपकी नोंक-झोंक होती रहती है और अंत में वहीं आपको मनाते हैं। रति बाहर के कामों के साथ-साथ घर की सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाती हैं।

वृद्धाश्रम खोलने की इच्छा है
रति जैन ने बताया कि उनकी इच्छा एक वृद्धाश्रम खोलने की है। वह चाहती हैं कि उस आश्रम में ऐसे वृद्धों को रखेंगी जो सड़क पर घूमते रहते हैं और जिनका कोई नहीं होता है। रति जैन कहती हैं कि वह कैंसर के मरीजों के लिए भी बहुत कुछ करना चाहती हैं। रति जैन ने बताया कि उन्होंने लोगों के लिए कई स्वास्थ्य शिविर लगवाए हैं। इसी के साथ रति जैन 27 व 28 मई को युवक-युवती परिचय सम्मेलन भी करवाने जा रही हैं।

खुद अपनी पहचान से जानी जाती हैं हमारी मम्मी
रति जैन के बच्चों का कहना है कि अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं अपने पति के नाम से जानी जाती है लेकिन हमारी मम्मी की अपनी एक पहचान है। हमारी मम्मी हमें सिखाती है कि समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए। वो कभी भी अपने कामों को करने के लिए दूसरों को नहीं बोलती हैं। वह बोलती हैं कि जहां तक हो सके अपने काम को स्वयं ही करना चाहिए उनकी यही बात उन्हें दूसरों से अलग करती है। हमारी मम्मी हमारा हर समय साथ देती है। दूसरी मांओं की तरह हमारी गलतियों को छुपाती नहीं है। सच में हमारी मां हमारे लिए किसी वंडर वूमन से कम नहीं हैं।

Updated : 5 Sep 2017 12:00 AM GMT
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