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आखिर तीन निगमायुक्तों पर मेहरबानी क्यों?

आखिर तीन निगमायुक्तों पर मेहरबानी क्यों?
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मामला तीन लोगों को अयोग्य ठहराने का

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा विभागीय जांच के बाद पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता, पूर्व नेता प्रतिपक्ष शम्मी शर्मा एवं पूर्व पार्षद डॉ. अंजलि रायजादा को तीन साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने पर तरह-तरह की चर्चाएं है। इसमें यहां उक्त तीनों के राजनैतिक भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं एक अहम सवाल यह है कि जिन वर्षों में आर्थिक सहायता बांटी गई उस समय तीन निगमायुक्तों ने चैक जारी किए थे और उनके नाम लोकायुक्त की एफआईआर में है, फिर उन्हें क्यों बख्श दिया गया।

उल्लेखनीय है कि उक्त तीन नेताओं के अयोग्य करार दिए जाने की खबर सर्वप्रथम स्वदेश ने 14 जनवरी के अंक में प्रकाशित की है। जिसमें 7 दिसम्बर 2017 को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव नीतेश व्यास ने आदेश क्र. एफ-4-14/2013/18-3 जारी करते हुए श्रीमती समीक्षा गुप्ता, शम्मी शर्मा व डॉ. अंजलि रायजादा को तीन वर्ष तक चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया है। आदेश में लोकायुक्त के प्रकरण क्र. 201/12 एवं 27 अप्रैल 16 को जारी कारण बताओ नोटिस का लिखित जवाब तो दे दिया लेकिन व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुए और विभागीय जांच के बाद आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग के प्रतिवेदन को आधार माना गया है।

आदेश में नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 17 की शक्तियों के तहत कार्रवाई करना बताया गया है। आदेश की प्रति कलेक्टर एवं निगमायुक्त सहित कुछ विभागों को भेजी गई लेकिन अयोग्य करार दिए गए तीनों लोगों को नहीं भेजी गई। अब यहां सवाल उठाता है कि आर्थिक अनियमितताओं के लिए 46 लाख 31 हजार पर समीक्षा गुप्ता और 19 लाख 5 हजार पर तीन सदस्यीय कमेटी को दोषी माना गया है। लेकिन आर्थिक सहायता के चैक जारी करने वाले वर्ष 2010 से 2014 तक रहे तीन निगमायुक्तों एनबी राजपूत, वेदप्रकाश एवं विनोद शर्मा को बख्श दिया गया है जबकि लोकायुक्त में दर्ज एफआईआर में उक्त सभी छह लोगों के नाम है। वहीं अयोग्यता को लेकर यह सवाल भी है कि यह लोग निगम चुनाव के लिए अयोग्य है या इसका पैमाना विधानसभा एवं लोकसभा भी है। हालांकि कानूनी जानकारी कहते हैं कि यह आदेश सिर्फ नगरीय निकाय के लिए है।

इनका कहना है

आदेश की प्रति हमें प्राप्त नहीं हुई है। यदि ऐसा कोई आदेश है तो वह एकपक्षीय है उसका विधानसभा चुनाव में कोई असर नहीं होगा।

समीक्षा गुप्ता, पूर्व महापौर

स्वदेश में खबर के बाद अयोग्ता की जानकारी मिली है। आर्थिक सहायता बांटने की शिकायत मैंने ही की थी और मेरे ही खिलाफ कार्रवाई हो गई। इस आदेश के खिलाफ मैं हाईकोर्ट की शरण लूंगा।

शम्मी शर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष

नगरीय विकास विभाग ने क्या आदेश जारी किया है इसकी जानकारी नहीं है। हमारे यहां दर्ज एफआईआर पर जांच चल रही है। उस पर इस आदेश का कोई प्रभाव नहीं होगा।

अमित सिंह, एसपी लोकायुक्त

Updated : 16 Jan 2018 12:00 AM GMT
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