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संदिग्ध हालातों में गोली लगने से किशोरी की मौत

संदिग्ध हालातों में गोली लगने से किशोरी की मौत
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आत्महत्या और हत्या में उलझी पुलिस, विवेचना प्रारंभ

ग्वालियर, न.सं.। संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से किशोरी की मौत हो गई। किशोरी घायल हालत में छत पर पड़ी मिली थी। परिजन उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। गोली किन परिस्थितियों में लगी फिलहाल पता नहीं चल सका है। परिजनों का कहना है कि आसमानी गोली लगने से किशोरी घायल हुई थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर हादसे की जांच-पड़ताल प्रारंभ कर दी है।

उपनगर ग्वालियर थाना क्षेत्र स्थित सत्यनारायण मौहल्ला घासमंडी में रहने वाले वीरेन्द्र यादव की 16 वर्षीय बेटी दीक्षा कक्षा दसवीं की छात्रा थी। दीक्षा मंगलवार शाम चार बजे के करीब घर की छत पर घूप सेक रही थी। दीक्षा की चीख सुनकर परिजन जब छत पर पहुंचे तो दीक्षा घायल हालत में पड़ी थी। दीक्षा को खून से लथपथ देख परिजन उसे निजी अस्पताल ले पहुंचे, जहां चिकित्सक ने उसे देखते ही हालत गंभीर होने पर इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद परिजन उसे सहारा अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों द्वारा दीक्षा का परीक्षण करने पर पता चला कि उसके सीने में गोली धंसी हुई है। यहां उपचार के दौरान दीक्षा ने दम तोड़ दिया। संदिग्ध परिस्थितियों में दीक्षा की मौत का पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और परिजनों से गोली लगने के बारे में पूछताछ की। गोली दीक्षा को कैसे लगी और किसने मारी। अभी पता नहीं चल सका है। पुलिस का मानना है कि मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। संभवत: दीक्षा ने स्वयं गोली मारकर आत्महत्या की है। पुलिस ने शव विच्छेदन गृह भेजने के बाद मर्ग कायम कर मामले की जांच-पड़ताल प्रारंभ कर दी है।

सीने में कैसे लगी आसमानी गोली
परिजनों का कहना है कि दीक्षा छत पर धूप सेक रही थी। दीक्षा को आसमानी गोली लगी है। परिजनों की कहानी में पुलिस को पेंच नजर आ रहा है। रात होने के कारण पुलिस घटना स्थल का परीक्षण नहीं कर सकी है। पुलिस का कहना है कि मामला संभवत: आत्महत्या जैसा प्रतीत हो रहा है। आसमानी गोली सीने में किस ढंग से लगी है। यह जांच के बाद ही पता लग सकेगा।

आसमानी गोली से पहले भी किशोरी की जा चुकी है जान

बहोड़ापुर थाना क्षेत्र में भी एक किशोरी की आसमानी गोली लगने से जान जा चुकी है। किशोरी को गोली उस समय लगी थी, जब उसकी मां दरवाजे पर बैठकर उसकी चोटी कर रही थी। पुलिस ऐसे मामलों में आज तक गोली चलाने वालों का सुराग नहीं लगा सकी है।

इकलौती बेटी थी दीक्षा
वीरेन्द्र पेशे से किसान हैं। उनके दो बेटों में दीक्षा इकलौती बेटी थी। परिवार में उसको कोई डांटता तक नहीं था। अचानक गोली लगने से दीक्षा की मौत हो जाने से परिजन भी हैरान हैं। गोली कितनी दूरी से लगी है। पुलिस मौके पर तथ्यों को इकट्ठा करने के बाद ही वास्तविक कारणों का पता लगाएगी।

इनका कहना है

‘‘दीक्षा की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। उसके सीने में गोली लगना बताया गया है। सीने में गोली कैसे लगी। यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा।’’

एम.एम. मालवीय
ग्वालियर थानाप्रभारी

Updated : 3 Jan 2018 12:00 AM GMT
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