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खनिज सचिव के आदेश पर भारी डीएफओ की मनमर्जी

खनिज सचिव के आदेश पर भारी डीएफओ की मनमर्जी
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जखौदा की खदानें चालू कराने प्रमुख सचिव और संचालक ने खनिज अधिकारी को लिखा पत्र


ग्वालियर, न.सं.। स्टोन पार्क ग्वालियर को सफेद फर्सी पत्थर उपलब्ध कराने वाला और सैकड़ों गरीब आदिवासियों को रोजगार देने वाले प्रमुख खनिज क्षेत्र जखौदा की खदानों को चालू कराने में अकारण बाधक बने वन मण्डलाधिकारी की मनमर्जी खनिज विभाग के प्रमुख सचिव और संचालक खनिज के आदेशों पर भारी पड़ रही है। खास बात यह है कि जखौदा की खदानों को चालू नहीं किए जाने के संबंध में दिए जा रहे वन मण्डलाधिकारी ग्वालियर की आपत्ति को खनिज सचिव और संचालक भौमिकी एवं खनिकर्म म.प्र. ने अनुचित माना है। उन्होंने कलेक्टर (खनिज) को पत्र लिखकर इन खदानों के संबंध में शीघ्र आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि करीब दो माह पूर्व प्रमुख सचिव खनिज एम.एल.दुबे के ग्वालियर प्रवास के दौरान ग्वालियर के स्टोनपार्क कारोबारियों ने उनसे भेंट कर जखौदा की खदानों को चालू कराने का अनुरोध किया था।

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने वह सारे प्रमाण भी प्रमुख सचिव को दिए जो वन मण्डलाधिकारी के अनुमान के आधार पर लगाई गई आपत्ति को आधारहीन साबित करते थे। खनिज सचिव ने इन दस्तावेजों के अध्ययन के बाद जखौदा की खदानों को चालू कराए जाने के संबंध में एक नोटशीट संचालक भौमिकी एवं खनिकर्म के पास दिनांक 13 नवम्बर 2017 को भेजी। इस पत्र के आधार पर संचालक खनिज ने विगत 29 नवम्बर 2017 को जिला खनिज अधिकारी को पत्र क्रमांक 20721/खनिज/विविध/न.क्र./51/2017 जारी कर उल्लेख किया है कि ग्वालियर के भ्रमण के दौरान कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि वन विभाग द्वारा फर्शी पत्थर की नीलाम खदानों के संबंध में अनापत्ति केवल इस आधार पर नहीं दी जा रही है कि वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन की संभावना बनी रहेगी। जबकि वन विभाग द्वारा कलेक्टर कार्यालय को प्रेषित प्रतिवेदन में जो बिन्दु उल्लेखित किए हैं, उनके अनुसार प्रस्तावित क्षेत्र 10 किमी की दूरी में नेशनल पार्क नहीं है। उस क्षेत्र के 2.70 किमी की परिधि में सोन चिड़िया अभ्यारण क्षेत्र स्थित है। इस क्षेत्र की 10 किमी की परिधि में कोई जैव विविधता क्षेत्र स्थित नहीं है तथा आवेदित क्षेत्र में वन सीमा से 250मीटर की परिधि से बाहर स्थित है।

इन बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए संचालक खनिज ने लिखा है कि वन विभाग के प्रतिवेदनों के अनुसार प्रस्तावित स्थल वन सीमा से निर्धारित मापदण्डों से दूर स्थित होने के कारण आपत्ति किया जाना उचित नहीं है। अत: तथ्यात्मक स्थिति पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए आवश्यक निर्णय लेने का कष्ट करें। खास बात यह है कि संचालक के इस पत्र को एक माह से अधिक समय निकल चुका है, लेकिन जिला खनिज अधिकारी वन मण्डलाधिकारी की आपत्ति के विरुद्ध एवं प्रमुख सचिव व संचालक खनिज के निर्देशों के परिपालन में अब तक किसी भी तरह का निर्णय लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं।

Updated : 6 Jan 2018 12:00 AM GMT
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