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सुपारी किलर ने खोपड़ी में उतारीं गोलियां

सुपारी किलर ने खोपड़ी में उतारीं गोलियां
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शातिर बदमाशों से था सम्पर्क, मृतक पर दर्ज हैं आधा दर्जन से ज्यादा मामले


ग्वालियर, न.सं.। न्यायालय से गवाही देकर लौटते समय जिस अंदाज में बदमाशों ने अभिषेक तोमर की खोपड़ी को निशाना बनाकर गोलियां मारी हैं, उससे पुलिस बदमाशों के सुपारी किलर होने का अनुमान लगा रही है। शहर में कभी भी गैंगवार की आहट से पुलिस भी हत्या के इस मामले को लेकर अलर्ट हो गई है। पुलिस ने फील्डिंग जमाकर बदमाशों की धरपकड़ के लिए टीमें रवाना कर दी हैं।मंगलवार को दिनदहाड़े शाम सवा चार बजे के करीब अभिषेक तोमर को गोलियां मारने वाले बदमाश घटना स्थल पर चंद मिनटों में ही उसकी हत्या करके फरार हो गए। मृतक के साथी राघवेन्द्र तोमर की मानें तो पलक झपकते ही बदमाशों ने अभिषेक की खोपड़ी को निशाना बनाकर ताबड़तोड़ गोलियां दागी थीं। हत्यारों के सटीक निशाने से पुलिस कयास लगा रही है कि बदमाश सुपारी किलर हो सकते हैं। बदमाशों ने जिस समय अभिषेक पर गोलियां चलाई थीं, उस समय वह मोटर साइकिल चला रहा था। एक गोली उसके हाथ में भी लगी है। बदमाशों ने अभिषेक को गाड़ी से गिराने के लिए पहली गोली उसके हाथ में ही मारी होगी। उसके बाद उसे संभलने का मौका नहीं दिया। तीन से ज्यादा गोलियां अभिषेक की खोपड़ी में धंसी हुई हैं। एक गोली कनपटी को भेदती हुई निकल गई है।

अभिषेक के साथी रमन चौहान ने पंकज सिकरवार, ओमकार सिकरवार, सोनू राठौड़, अंकित भदौरिया, विजय भदौरिया और ओमकार राठौड़ के नाम बताए हैं। पुलिस राघवेन्द्र और रमन चौहान से बदमाशों का हुलिया और नाम-पते पूछ रही है। अभिषेक की हत्या के बाद शहर में गैंगवार की आहट माना जा रहा है। अभिषेक स्वयं भी हत्या कर चुका था और पांच हजार का इनामी बदमाश रह चुका है। अभिषेक के संबंध एक अंतर्राज्यीय बदमाश से थे। जिन पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा है, उनके संबंध स्थानीय बदमाश से हैं, जो पुलिस की सूची में टॉप पर रहा है। इन दिनों वह जेल में सजा काट रहा है। दोनों बदमाशों के गुर्गों में अब कभी भी गैंगवार हो सकती है। इससे आने वाले समय में पुलिस की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ सकती हैं।

बुझ गया घर का चिराग:- मृतक अभिषेक के पिता श्याम सिंह तोमर स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कर्मचारी हैं, जबकि मां विमलेश गृहणी हैं। श्याम सिंह की पांच बेटियों में अभिषेक इकलौता बेटा था। उसकी हत्या हो जाने से श्याम सिंह के घर का चिराग बुझ गया है। अभिषेक की एक बहन का विवाह हो चुका है, जबकि चार अभी अविवाहित हैं। अभिषेक केबल का कारोबार करता था और उसका क्षेत्र में रुतबा भी था।

मई माह में है छोटी बहन का विवाह :-बताया गया है कि अभिषेक से छोटी बहन का विवाह मई माह में होना है। अभिषेक के विवाह के लिए भी पिता ने प्रयास किए थे, लेकिन उसके मंगली होने के कारण विवाह में अड़चन आ रही थी। अभिषेक से पहले उसकी छोटी बहन का विवाह किया जाना उसी ने तय किया था।

रैकी करने के बाद उतारा मौत के घाट:-अभिषेक की हत्या करने के लिए जबरदस्त फील्डिंग जमाई गई थी। न्यायालय से गवाही देकर लौटते समय उसके साथ तीन और दोस्त थे। बदमाशों ने उसकी हत्या करने से पहले रैकी की है। जैसे ही अभिषेक के दो साथी रमन चौहान और एक अन्य मोटर साइकिल से आगे निकले वैसे ही बदमाशों ने उसे घेरकर हमला कर दिया। न्यायालय से ही बदमाश संभवत: उसके पीछे लगे हुए थे।

पुलिस के गले नहीं उतर रही राघवेन्द्र की कहानी :-राघवेन्द्र का कहना है कि वह अभिषेक की मोटर साइकिल पर पीछे बैठा था। गाड़ी स्वयं अभिषेक चला रहा था। जिस समय बदमाशों ने हमला किया, उस समय राघवेन्द्र भी गाड़ी पर बैठा हुआ था। राघवेन्द्र जो कहानी सुना रहा है, वह पुलिस के गले नहीं उतर रही है। पुलिस ने राघवेन्द्र से कई बार पूछताछ की, लेकिन हर बार उसने यही बात दोहराई। रमन चौहान, अभिषेक से थोड़ा आगे निकल गया था। रमन चौहान भी घटना का प्रत्यक्षदर्शी बताया गया है।

दो दिन पहले ही हुआ था झगड़ा

दो दिन पहले ही पुरानी छावनी थाना क्षेत्र में एक होटल पर अभिषेक के दोस्तों से झगड़ा हो गया था। उसके बाद उसके साथी हजीरा थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे थे, लेकिन घटना स्थल पुरानी छावनी थाना क्षेत्र का होने के कारण आरक्षक ने रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया था। इस पर थाने में ही अभिषेक के साथियों ने आरक्षक के साथ अभद्रता कर दी थी। इसके बाद अभिषेक भी रात को थाने पर पहुंच गया था। बाद में हजीरा थाने में मृतक के दोस्तों पर आरक्षक ने मामला दर्ज करा दिया था।

एक कहानी यह भी

राघवेन्द्र एटीएम से पैसे निकालने के बहाने अभिषेक की गाड़ी से उतर गया था। राघवेन्द्र जब तानसेन रोड पर एटीएम से पैसे निकाल रहा था तभी बदमाशों ने अभिषेक को वहीं पर घेरकर गोलियां दाग दीं। गोलियां चलने की आवाज सुनकर राघवेन्द्र एटीएम से बाहर निकला, जबकि अभिषेक सड़क पर लहुलुहान पड़ा हुआ था, तब उसकी सांस भी चल रही थी, लेकिन राघवेन्द्र ने उन बदमाशों को नहीं देखा, जिन्होंने गोलियां चलाई थीं।

घटना स्थल पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक

पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष ने घटना स्थल पर पहुंचकर बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान वारदात के हर एंगल को कनिष्ठ अधिकारी ने उन्हें बताया। उन्होंने बदमाशों को पकड़ने के लिए निर्देश दिए हैं।

हत्या के प्रकरण में थी गवाही

अभिषेक ने सूरज की गोली मारकर हत्या की थी। उसी मामले में वह गवाही देकर घर लौट रहा था। उसके साथ सुरक्षा के लिए रमन चौहान, राघवेन्द्र और एक अन्य युवक भी था, लेकिन अभिषेक पर जिस समय हमला हुआ, उस समय वह अकेला था या फिर सब साथ थे। इसी थ्यौरी को पुलिस खंगाल रही है। मामला पुलिस को उलझा हुआ लग रहा है।

अभिषेक के साथी रमन ने टिंकू के खिलाफ दी थी गवाही

बताया गया है कि अभिषेक का साथी रमन चौहान भी शातिर बदमाश है। उसके खिलाफ भी हजीरा थाने में कई प्रकरण पंजीबद्ध हैं। रमन ने शातिर बदमाश टिंकू तोमर के खिलाफ गवाही दी थी। रमन चौहान व अभिषेक तोमर दोनों टिंकू के विरोधी बदमाश विनोद राणा के साथी बताए गए हैं। बदमाश हजीरा थाना क्षेत्र में कभी भी गोलियां चलाकर दहशत फैला देते हैं।

बदमाशों की तलाश में जुटीं अपराध शाखा की टीमें

ग्वालियर के बदमाश अभिषेक तोमर की हत्या के बाद मौके पर पुलिस अधिकारियों के अलावा अपराध शाखा की टीम भी पहुंच गई। अपराध शाखा ने बदमाशों की तलाश में उनके छिपने के संभावित ठिकानों पर दबिश भी दी। देर रात खबर लिखे जाने तक पुलिस बल बदमाशों की धरपकड़ के लिए जुटा हुआ था।

Updated : 21 Feb 2018 12:00 AM GMT
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