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डिस्टलर्स के एकाधिकार से लग रहा है सरकारी खजाने को चूना

डिस्टलर्स के एकाधिकार से लग रहा है सरकारी खजाने को चूना
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ग्वालियर, न.सं. स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया प्रदेश सरकार का निर्णय प्रदेश के अरबपति शराब कारोबारियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। प्रदेश के शराब उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश सरकार ने अन्य प्रदेशों के शराब कारोबारियों को देशी शराब प्रदाय व्यवस्था के ठेके लेने के लिए प्रतिबंधित किया है। इस नियम के चलते प्रदेश के आठ शराब कारोबारियों के एकाधिकार और सामंजस्य से सरकार के खजाने को प्रतिवर्ष मोटा चूना लग रहा है।

मध्यप्रदेश में देशी शराब निर्माण करने वाली आठों शराब कम्पनियों ने प्रदेशभर के सभी जिलों में शराब प्रदाय के ठेकों पर कब्जा जमा रखा है। खास बात यह है कि यह डिस्टलर्स प्रदेश सरकार पर इतने हावी रहे हैं कि सरकार को साधकर प्रदेश के बाहर (अन्य राज्यों) के डिस्टलर्स को म.प्र. में कदम रखने का अवसर ही नहीं दे रहे हैं। प्रदेशभर के सभी 51 जिलों में देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था के टेंडर होने से पहले प्रदेश के सभी आठों डिस्टलर्स आपस में सामंजस्य बैठाकर अपने-अपने क्षेत्र के जिलों को शराब सप्लाई हेतु बांट लेते हैं। इन डिस्टलर्स ने इनकी फैक्ट्रियों में बनने वाली देशी शराब को सरकार को अधिक से अधिक दर पर बेचने की रणनीति भी बना रखी हैं। चूंकि प्रदेश सरकार ने अन्य प्रदेशों के डिस्टलर्स को प्रदेशभर के जिलों में देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था के ठेकों में अन्य प्रदेशों के डिस्टलर्स को प्रतिबंधित किया है। इस कारण प्रदेश के आठों शराब निर्माण कम्पनी संचालकों ने एकाधिकार किया हुआ है। वह अपनी मर्जी से देशी शराब की दरें सरकार से निर्धारित करा रहे हैं। परिणाम स्वरूप प्रदेश के गरीबों को शराब पिलाकर लूटने वाले जहां मालामाल हो रहे हैं, वहीं शराब की दरें कम नहीं मिल पाने के कारण सरकार के खजाने को मोटा चूना लग रहा है। खास बात यह है कि डिस्टलर्स की इस रणनीति में आबकारी विभाग के घूसखोर अधिकारियों की मिली भगत और समर्थन होता है।

कौन-किस जिले में पहुंचाएगा शराब

1. मेसर्स ग्वालियर एल्कोब्रू प्रा. लिमिटेड ग्वालियर - ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, शाजापुर, दमोह, जबलपुर
2. मेसर्स विध्यांचल डिस्टलरीज प्रा. लि. रायगढ़ - भोपाल, सीहोर, राजगढ़, शहडोल
3. मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्रा. लि. रायसेन - विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद, देवास, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा।
4. ओएसिस डिस्टलरीज लिमिटेड धार- शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, हरदा, बुरहानपुर, मंदसौर, नीमच।
5. मेसर्स ग्रेट गेलियन लि. धार- इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, मंडला, ढिंढोरी सिवनी, बालाघाट।
6. मेसर्स एसोसिएटेड अल्कोहल्स एण्ड ब्रेवरीज लिमिटेड, खरगौन- खरगौन, बड़वानी, उज्जैन, रतलाम, आगर, रीवा, सतना, सीधी।
7. द मेसर्स जेगपिन इण्डिया लिमिटेड, छतरपुर- टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सिंगरौली, अनूपपुर
8. मैसर्स अग्रवाल डिस्टलरीज प्रा. लिमि. खरगौन- बैतूल, खण्डवा, कटनी।

जल्द फंसेंगे सोम के शुभचिंतक!

काली सूची में शामिल सोम डिस्टलरीज लिमिटेड को अनुचित तरीके से देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था का ठेका दिलाने वाले आबकारी विभाग के अधिकारी शीघ्र ही कानूनी शिकंजे में फंस सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि सोम डिस्टरीज और उनके शुभचिंतक अधिकारियों पर कार्रवाई कराने के लिए उनके विरोधी सक्रिय हो गए हैं। इसके लिए पहले लोकायुक्त और शासन स्तर पर कार्रवाई के प्रयास होंगे। लेकिन शासन अगर शीघ्र और सख्त कार्रवाई नहीं करेगा तो विरोधी न्यायालय की शरण लेकर दोषियों पर सेवानिवृत्ति के पहले और बाद में भी कार्रवाई की मांग करेंगे।

Updated : 22 Feb 2018 12:00 AM GMT
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