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मंत्री की नोटशीट भी दबा गए प्रमुख सचिव

मंत्री की नोटशीट भी दबा गए प्रमुख सचिव
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मामला भिण्ड डीपीओ का



ग्वालियर/भिण्ड। महिला बाल विकास भिण्ड के जिला कार्यक्रम अधिकारी बाबूलाल विश्नोई को बचाने के हर संभव प्रयास विभाग के प्रमुख सचिव कर रहे हैं। बाबूलाल विश्नोई की गंभीर शिकायतों और महिलाओं के साथ की गई अभद्रता की जानकारी जब विभाग की मंत्री को लगी तो उन्होंने तत्काल बाबूलाल विश्नोई के विरूद्ध नोटशीट प्रमुख सचिव को भेजकर निलंबन हेतु लिखा। लेकिन प्रमुख सचिव बीते बीस दिन से मंत्री की नोटशीट दबाए बैठे हैं। इससे स्पष्ट है कि अफसरशाही सरकार पर किस तरह हावी है। तभी तो मंत्री की नोटशीट पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

ज्ञातव्य है कि बीती 19 जनवरी को जिला कार्यक्रम अधिकारी बाबूलाल विश्नोई ने विभाग की महिलाओं की बैठक बुलाकर उनके मोबाइल जब्त कर लिए और पर्स को भी खंगाल डाला। इसके बाद वे पति के संग रहने के नुस्खे भी बताने लगे। डीपीओ की अभद्रता से नाराज महिला कर्मचारियों ने इसकी शिकायत कलेक्टर और विधायक से की और हड़ताल पर बैठ गई। कलेक्टर ने जांच कराई और अपनी जांच रिपोर्ट भी शासन को भेज दी लेकिन कलेक्टर की रिपोर्ट मंत्री तक नहीं पहुंची। बाद में भिण्ड विधायक ने सारी स्थिति से मंत्री को अवगत कराया और भोपाल में पत्रकारों ने भी मंत्री से जब सवाल किया तो मंत्री ने जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। विभाग के प्रमुख सचिव की हिम्मत देखिए कि इतना सब कुछ होने के बाद भी वे भिण्ड डीपीओ के विरूद्ध कार्रवाई करने से हिचकिचा रहे हैं।

विधानसभा में लगा है प्रश्न

भिण्ड डीपीओ द्वारा महिलाओं के साथ की गई अभद्रता पर भिण्ड विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने विधानसभा में प्रश्न लगाकर विश्नोई के बारे में न सिर्फ विस्तृत जानकारी मांगी है वरन् उनके विरूद्ध कब-कब और कहां-कहां जांच चल रही है और क्या कार्रवाई की गई? इस संबंध में भी पूछा है।

महिलाएं हड़ताल पर

महिला बाल विकास भिण्ड की महिला कर्मचारी बीती 19 जनवरी से डीपीओ के विरूद्ध हड़ताल पर हैं। शिवरात्रि पर कलेक्टर भिण्ड एवं विधायक के इस आश्वासन पर हड़ताल स्थगित की गई थी कि डीपीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई कराएंगे। लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं हुआ।

दबाव बना रहे हैं डीपीओ

महिला कर्मचारियों के साथ अभद्रता व अश्लीलता के मामले में फंसे भिण्ड डीपीओ अब आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जाकर महिलाओं को धमका रहे हैं और अपने अधीनस्थ अधिकारियों के विरूद्ध व जातिसूचक टिप्पणी भी सोशल मीडिया पर कर रहे हैं। जिससे विभाग के सभी लोग आहत हैं। कलेक्टर भिण्ड द्वारा डीपीओ को सख्त हिदायत भी दी गई कि किसी केन्द्र का निरीक्षण न करें। लेकिन वे अपनी हठधर्मी पर आमादा हैं।

दतिया में भी महिला उत्पीड़न के आरोपी

दतिया से भिण्ड पदस्थ किए गए डीपीओ बाबूलाल विश्नोई ने दतिया में भी महिला कर्मचारियों का उत्पीड़न एवं भ्रष्टाचार किया। जिस पर 5 जनवरी 2018 को शासन द्वारा जारी पत्र में इसका उल्लेख किया गया। इसके बावजूद उन्हें दतिया से हटाकर भिण्ड जैसे बड़े जिले में पदस्थ कर दिया गया। इसे दण्ड माना जाए या विश्नोई को इनाम। महिलाओं के साथ अभद्रता का विभाग ने उन्हें इनाम स्वरूप भिण्ड पदस्थ कर दिया। दतिया और भिण्ड में विश्नोई के विरूद्ध जांच महिला उत्पीड़न कानून के अनुसार स्थानीय परिवाद समिति से करवानी थी, जो न करा कर एडीएम से कराई गई। इसी प्रकार दतिया में जो जांच कराई गई उसमें बाल कल्याण समिति में उप्र के निवासी को सदस्य बनवा दिया। जबकि मप्र का मूलनिवासी होना अनिवार्य है। मप्र विधानसभा में बाल विकास समिति के सदस्य यानि किशोर न्यायालय बोर्ड में सदस्य की नियुक्ति संबंधी प्रश्न का जवाब भी 28 नवम्बर 2017 को दिया गया है।

Updated : 1 March 2018 12:00 AM GMT
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