लोकसभा में पेश नहीं हुआ अविश्वास प्रस्ताव
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नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में सोमवार को भी गतिरोध की स्थिति जारी रही। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और वाईएसआर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को लेकर हंगामा जारी रखा, जिस वजह से लोकसभा की कार्यवाही बाधित हो गई। दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही व्यवधान के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई जबकि राज्यसभा को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। सुबह जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
इस हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी। मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सदन में पेश नहीं हो सका। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सरकार ने कहा था कि वह इसका सामना करने के लिए तैयार है और उनके पास इस प्रस्ताव को गिराने के लिए पर्याप्त संख्या है। केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं क्योंकि सदन में हमारे पास समर्थन है। हम आश्वस्त हैं।’’
तेदेपा के सांसद थोटा नरसिम्हन ने कहा कि पार्टी सदस्य पहले सदन में प्रस्ताव पेश करने पर जोर देंगे। उन्होंने कहा कि तेदेपा ने तृणमूल, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दलों से बात कर ली है। तेदेपा के एक अन्य सांसद आर.एम.नायडू ने कहा कि वे संसद में विपक्षी दलों से जितना हो सके, उतना समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, यह जानते हुए कि सरकार के पास पर्याप्त संख्या होने की वजह से यह अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा।
नायडू ने कहा, ‘‘सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि वे हमारा समर्थन करें। हम इस पर जितना हो सके उतना समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इस पर चर्चा हो सके। हम सरकार गिराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।’’ मौजूदा समय में लोकसभा के 539 सदस्य हैं, जिसमें से भाजपा के 274 सांसद हैं जो अविश्वास प्रस्ताव गिराने के लिए आवश्यक 270 से अधिक है। भाजपा के पास शिवसेना और अकाली दल जैसी साझेदार पार्टियों का भी समर्थन है।
शिवसेना ने कहा है कि उन्होंने अभी अविश्वास प्रस्ताव पर अपने पत्ते नहीं खोलने का फैसला किया है। इस बीच तेदेपा के सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध करते हुए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। इस दौरान कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने भी उनका साथ दिया। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों में तेदेपा सांसदों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।