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शिवपुरी-गुना की जनता के दिलों पर आज भी छा रहा है सिंधिया परिवार

शिवपुरी-गुना की जनता के दिलों पर आज भी छा रहा है सिंधिया परिवार
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सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी का नेतृत्व कर रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र की जनता ने अपने सिर माथे पर रखा और तमाम बाधाओं को चीरते हुए जनता ने उन्हें अपना अमूल्य मत देकर उनमें अपनी आस्था व्यक्त की।

बदवास। स्वतंत्र भारत के राजनैतिक परिदृश्य में ग्वालियर से कहीं अधिक शिवपुरी गुना का नाम सिंधिया परिवार से जुड़ा रहा है। ये महज इत्तफाक नहीं है कि सिंधिया राजघराने की तीन पीढ़ियों के मुखियाओं ने शिवपुरी गुना संसदीय क्षेत्र से एक दर्जन बार चुनाव लड़े और जीते सिंधिया परिवार ने जिसको भी अपना समर्थन देकर चुनावी मैदान में उतारा उसे भी भारी बहुमतों के साथ जिताया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सिंधिया परिवार गुना-शिवपुरी की जनता के दिलों पर वर्षों से एक छत्र राज कर रहा है। सिंधिया परिवार ने क्षेत्र की जनता के दिलों पर जो अमिट छाप छोडी हैं वह न तो राजनैतिक है और न ही सामंतवाद का प्रतीक राजनैतिक इसलिए नहीं कह सकते क्योंकि 1950 से लेकर अभी तक जितने भी चुनाव सिंधिया परिवार ने जीते हैं या इस परिवार में आस्था रखने वाले व्यक्ति को चुनाव जिताया है उनमें हमेशा पार्टी और व्यक्ति एक नहीं बल्कि अलग-अलग रहे हैं। कै.राजमाता के बाद उनके पुत्र स्व. माधवराव सिंधिया को भी गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के लोगों ने हमेशा अपने पलकों पर बिठाए रखा। 1971 में जनसंघ से चुनाव लड़कर जीत का सेहरा स्व. माधवराव सिंधिया ने बांधा फिर 1977 में कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़कर संसद में पहुंचे। 1999 में भी जनता ने उन्हें निराश नहीं होने दिया और भारी बहुमतों से विजयी बनाकर संसद भेजा बात यहीं तक समाप्त नहीं होती इससे आगे चलते हैं तो सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी का नेतृत्व कर रहे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र की जनता ने अपने सिर माथे पर रखा और तमाम बाधाओं को चीरते हुए जनता ने उन्हें अपना अमूल्य मत देकर उनमें अपनी आस्था व्यक्त की। क्षेत्र की जनता के दिलों पर राज करने वाला सिंधिया परिवार अपने आपको मुखिया के तौैर पर पेश करते हुए जो विकास के वायदे करते हैं लोगों को अन्य नेताओं की तरह वो झूठा आश्वासन नहीं लगता। कहा जाता है कि विश्वसनीयता और ईमानदारी के यही सिद्धांत राजनीति में इन दिनों दुर्लभ तत्व है। सिंधिया परिवार की यही सबसे बड़ी पूंजी है। अपनी ईमानदारी, विकास परख बातों और कुछ कर गुजरने के जज्बे मात्र से लोगों के दिलों पर छाए हुए हैं।

अभी हाल ही में हुए कोलारस-मुंगावली उप चुनाव में सिंधिया परिवार की एक अपील पर दोनों ही विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने तमाम प्रलोभनों के बाद ऐसे चेहरों को चुनाव महज इसलिए जिता दिया क्योंकि यहां सिंधिया परिवार की आन बानशान दांव पर लगी हुई थी।

प्रस्तुति:- किरण कुमार शर्मा पत्रकार, बदरवास

Updated : 7 March 2018 12:00 AM GMT
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