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महिलाओं के मुद्दे पर संसद एकजुट, स्पीकर ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर दिया बल

महिलाओं के मुद्दे पर संसद एकजुट, स्पीकर ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर दिया बल
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आज का दिन महिलाओं की उपलब्धियों का याद करने का है : सुषमा स्वराज

-Pic Credit Google

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर संसद ने पूरी एकजुटता दिखाई और गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं को बधाई दी गई। सभी सांसदों ने तालियां बजाकर सदन में मौजूद और देश-दुनिया की महिलाओं को महिला दिवस की शुभकमनाएं दीं। इस अवसर पर लोकसभा में सभापति सुमित्रा महाजन ने स्वरचित पंक्तियों के जरिए महिलाओं के इस खास दिन की बधाई देते हुए उन्हें सशक्त बनाने पर जोर दिया।

राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने देश और दुनिया की सभी महिलाओं को सदन की ओर से महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर हंगामा कर रहे सांसदों ने अपनी सीटों पर बैठकर चर्चा में हिस्सा लिया। सरकार से लेकर विपक्ष की कई महिला सांसदों और अन्य सांसदों ने इस मु्द्दे पर अपने विचार रखे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने महिला दिवस पर सदन के भीतर कहा कि महिला आरक्षण बिल को मेरा पूरा समर्थन है। उन्होंने कहा कि आज का दिन महिलाओं की उपलब्धियों का याद करने का है और मुझे भारत में महिलाओं की उपलब्धि देखकर गर्व होता है क्योंकि यहां महिलाओं ने कई क्षेत्रों में पुरुषों के एकाधिकार को तोड़ा है। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम संकल्प लें कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और पूरा समाज महिलाओं के खिलाफ अन्याय को सहन नहीं करेगा। साथ ही एक आंदोलन के रूप में इसे मिलकर आगे बढ़ाना है।

राज्यसभा में महिला दिवस के मौके पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद अंबिका सोनी ने चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि देश में आज भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा हासिल नहीं है। इसके लिए उन्होंने महिला आरक्षण बिल को पारित कराने पर जोर दिया। सांसद अंबिका ने कानून के जरिए महिलाओं को सुरक्षा और सदन में 33 फीसद आरक्षण की मांग की। कांग्रेस की सांसद रेणुका चौधरी ने भी महिला दिवस के मौके पर महिला के खिलाफ होने वाले अपराध पर लगाम लगाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सदन में नहीं बल्कि हर जगह बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने भी कहा कि महिला आरक्षण को लेकर सभी दलों के एकमत होकर एक प्रस्ताव करना चाहिए और हमारी पार्टी इसके लिए बिल्कुल तैयार है। कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल ने भी अमृता प्रीतम की एक कविता के जरिए सदन में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सदन में हमें अपनी बात कहने का मौका और बराबरी का दर्जा चाहिए।

महिला दिवस के मौके पर सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जीवन चुनौती भरा है। आजाद ने कहा कि गर्भवती महिला से लेकर कुपोषित बच्चे के जन्म और उसके बाद जीवनभर महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने महिला कल्याण की कई योजनाओं को राज्य में शुरू कर रखा है। साथ ही उन्होंने सभी पुरुषों से अपील की वो भी महिलाओं को सम्मान दें और महिला आरक्षण बिल को संसद में पारित कराने में मदद करें। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सांसद सतीश मिश्रा समेत कई सांसदों ने उपसभापति के पैनल में एक महिला सदस्य होने की बात पर जोर दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद सम्पतिया उइके, कांग्रेस सांसद छाया वर्मा, मेघालय के कांग्रेस की सांसद वानसुक साइम, कांग्रेस सांसद विप्लव ठाकुर, डीएमके सांसद कनिमोझी, आंध्र प्रदेश से टीडीपी सांसद तोटा सीताराम लक्ष्मी, मनोनीत सदस्य अनु आगा, बीजेपी सांसद रूपा गांगुली, सुब्रमण्यम स्वामी समेत कई सांसदों ने महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर सदन में अपनी बात रखी।

Updated : 8 March 2018 12:00 AM GMT
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