भ्रष्टाचारियों पर कसेगा शिकंजा : शिवराज
सुशासन, विकास और जनकल्याण पर होगा फोकस
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भ्रष्टाचार पर सख्त रवैया अपनाते हुए सभी मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों, विभाग प्रमुखों को कड़ी हिदायत दी कि विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा, यहां तक कि विभागीय मंत्री को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। भ्रष्टाचार के प्रति पूर्णत: जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। चेतावनी के बाद भी भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि दृष्टिकोण पत्र - 2018 और संकल्प पत्र 2013 नए वर्ष के लिये मार्गदर्शी दस्तावेज रहेंगे। अवकाश से लौटने के बाद श्री चौहान मंगलवार को मंत्रियों व अधिकारियों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नए वर्ष की प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हुए विभागों को प्राथमिकताएं तय करने के निर्देश दिए।
वर्ष 2017 अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सहित पूरे देश में एक नए वातावरण का निर्माण हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के कायाकल्प का अभियान शुरू किया है। मध्यप्रदेश इसमें हर संभव योगदान देगा। उन्होंने कहा कि सुशासन, विकास और जनकल्याण पर फोकस रहेगा। भ्रष्टाचार किसी भी स्तर और किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे इन दो मार्गदर्शी दस्तावेज के अनुसार विभागीय गतिविधियों की समीक्षा करें और नए साल की प्राथमिकताएं तय करें। सिंहस्थ और वैचारिक कुंभ का सफल आयोजन, वैश्विक निवेशक सम्मेलन, प्रदेश को चौथी बार कृषि कर्मण अवार्ड का मिलन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरूआत, ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के साथ ही नयां आनंद मंत्रालय का गठन ये कुछ ऐसी उपलब्धियां हैं जिनकी सर्वत्र प्रशंसा हुई । मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा का शुभारंभ, जल महोत्सव और गरीब कल्याण योजनाओं के प्रशिक्षण का आयोजन प्रमुख उपलब्धियां रहीं। श्री चौहान ने कहा कि सीएम हेल्पलाईन 181 और लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम सुशासन के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। इनके क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नगदरहित लेन-देन को दें बढ़ावा : नगद रहित लेनदेन के संबंध में मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे भ्रष्टाचार की संभावनाओं को खत्म करने के लिए नगदरहित लेनदेन को बढ़ावा दें। विभागीय प्रक्रियाओं और व्यवस्थाओं में पूरी तरह पारदर्शिता लाएंं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश नगद रहित लेनदेन के क्षेत्र में पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है। आनंद मंत्रालय की गतिविधियों और कार्ययोजना के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में इसकी गतिविधियाँ 14 जनवरी से शुरू होंगी। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे जरूरतमंद लोगों को मदद देने के तरीकों पर भी विचार करें। उन्होंने कहा कि दूसरों का हित करने में मनुष्य को स्वाभाविक खुशी मिलती है। इस आधार पर अनूठी प्रक्रियाएँ और योजनाएँ बनाने के संबंध में भी विभाग विचार करें।
नर्मदा सेवा यात्रा के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों को इसमें भागीदारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों और जनचेतना के साथ नदी संरक्षण का यह अनूठा अभियान है। मध्यप्रदेश इस दिशा में वैश्विक उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है।
लोकसेवा गारंटी अधिनियम में जुडेंग़ी नई सेवाएं : श्री चौहान ने लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम में नई सेवाएँ जोडऩे के लिए भी विभागों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोक सेवाओं के प्रदाय में लापरवाही बरतने वाले लोक सेवकों को दण्डित किया जाएगा और श्रेष्ठ काम करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने सीएम डैशबोर्ड बनाने के भी निर्देश दिए जिससे विभागों की प्रगति का आसानी से आकलन किया जा सके। बैठक में बताया गया कि लोकसेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम में 61 सेवाओं को जोडऩे पर भी संबंधित विभागों ने सहमति दी है।
अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को मिलेगा पुरस्कार : मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि विभागों में अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत करने के लिए विभागीय आयोजन किए जाएं और उन्हें सम्मानित किए जाएं। जिन अधिकारियों का प्रदर्शन खराब हैं उन्हें अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए चेतावनी दें। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को मोबाईल एप्प के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
सीएम हेल्पलाइन 181 : श्री चौहान ने सीएम हेल्पलाइन 181 की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में दर्ज जनसमस्याओं के निराकरण में विलंब करने और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को प्रशंसा पत्र दिया जाएगा। हर महीने इसकी समीक्षा होगी। शिकायत निवारण की प्रगति का विभागवार तुलनात्मक प्रदर्शन चार्ट हर महीने बनेगा।
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