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स्लीपर कोचों में एमएसटी धारकों का कब्जा

स्लीपर कोचों में एमएसटी धारकों का कब्जा
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ग्वालियर। ग्वलियर स्टेशन से गुजरने वाली, व यहां से अन्य स्थानों के लिए जाने वाली ट्रेनों में आरक्षण वाले यात्रियों को इन दिनों भारी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। इन ट्रेनों के स्लीपर कोचों में एमएसटी वाले घुसकर सीटों पर कब्जा जमा लेते हैं। इससे आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।


उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन डबरा, दतिया झांसी, मुरैना, धौलपुर, आगरा अप-डाउन कर सरकारी व निजी नौकरी करने वाले और ग्वालियर आकर पढ़ाई करने वालों की संख्या शहर में कम नहीं है। ऐसे पांच से आठ हजार यात्री एमएसटी सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। ग्वालियर से सुबह के समय आगरा की ओर जाने वाली सचखंड , उत्कल और मंगला एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों के स्लीपर कोचों में एमएसटी वालों के अलावा रेलवे कर्मचारी भी यात्रा करते हैं। यह लोग ट्रेन की आरक्षित सीटों पर कब्जा कर लेते हैं।

टीटीई भी करते हैं नजरअंदाज

ट्रेनों में स्थानीय यात्रियों की एमएसटी जांच करने में टीटीई भी नजर अंदाज करते हैं। इससे इन यात्रियों का हौसला बुलंद रहता है। जानकारी के अनुसार ग्वालियर से चलने के बाद एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी कोचों में सभी टीटीई आराम फरमाते हैं और टिकट की जांच नहीं करते हैं। लोकल यात्रियों के उतरने के बाद टिकट की जांच की जाती है। यदि आरक्षित यात्री टीटीई से लोकल यात्री को हटाने की शिकायत करते हैं तो वे भी दिलचस्पी नहीं लेते हैं।

एमएसटी से न करें स्लीपर कोच में यात्रा

यदि आप मासिक सीजन टिकट एमएसटी से प्रतिदिन ट्रेन में यात्रा करते हैं तो सामान्य कोच में ही यात्रा करें। यदि आप स्लीपर कोच में यात्रा करते पकड़े गए तो रेलवे हमेशा के लिए ब्लैक लिस्टेड कर देगी। आपको जुर्माना तो भरना ही होगा, साथ ही हमेशा के लिए एमएसटी निरस्त कर दी जाएगी और भविष्य में कभी भी एमएसटी नहीं बनाएगी।

यह है नियम

-नियमानुसार एमएसटी धारक केवल सामान्य कोच में ही यात्रा कर सकता है।
-कई बार चेकिंग के दौरान एमएसटी धारक स्लीपर या एसी कोच में यात्रा करते पकड़े जाते हैं।
-रेलवे एमएसटी से यात्रा करने वालों के लिए सख्त हो गया है।

पहचान पत्र के साथ घोषणा पत्र भी जरूरी

४ एमएसटी बनवाने के लिए पहचान पत्र के साथ एक घोषणा पत्र भी अनिवार्य किया गया है। अभी एमएसटी बनवाने के लिए फॉर्म भरने के साथ पहचान पत्र लगाते हैं और एमएसटी बन जाती है।

४फार्म के साथ घोषणा पत्र मिलेगा और उसे भरकर देना होगा। इसमें ट्रेन में यात्रा के दौरान रेल अधिनियम का उल्लंघन न करने की घोषणा करनी होगी।

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Updated : 5 Jan 2017 12:00 AM GMT
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