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24 घण्टे बिजली और पहला डिजिटल स्कूल चीनौर में

24 घण्टे बिजली और पहला डिजिटल स्कूल चीनौर में
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-सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर के आदर्श ग्राम की बदलती तस्वीर
ग्वालियर/ विशेष प्रतिनिधि। जिले से 40 किलोमीटर दूर चीनौर ग्राम की तस्वीर आज पूरी तरह से बदली हुई है, पहले यहां के लोग बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते थे, लेकिन केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जबसे इस गांव को सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए गोद लिया है, तबसे ही यहां एक के बाद एक सौगातें न सिर्फ बरस रही हैं, बल्कि मौके पर जाकर देखा तो फलीभूत भी दिखाई दीं। ग्राम में बिजली समस्या न के बराबर होने के कारण खेतों में हरियाली है और किसान एवं महिलाएं धान की कटार्ई के बाद उसे भरते देखे गए। वहीं प्रदेश के पहले ग्रामीण डिजिटल गर्ल्स स्कूल में बिना किताब के पढ़ाई होना अपने आप में अद्भुत था।

ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद:- नरेन्द्र सिंह तोमर ने वर्ष 2014 में ग्राम चीनौर को गोद लिया था, इसके बाद विभिन्न विकास योजनाओं पर अबतक यहां 5 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर तमाम विकास कार्य हुए हैं और लगभग ढाई से तीन करोड़ रुपए का काम होना अभी शेष हैं। नयागांव से चीनौर पहुंचने में पहले एक से डेढ़ घण्टा लग जाता था, लेकिन इस मार्ग पर सड़क बन जाने के कारण सफर बेहद सुगम हो गया है, अब न तो गड्ढे हैं और न धूल भरे रास्ते। पत्रकारों के दल ने शुक्रवार को इस गांव का भ्रमण किया तो वहां का नजारा वास्तव में आदर्श गांव सा दिखा। यहां के आठ हजार रहवासी अब खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

मेरा समूह बड़ा प्यारा....:- महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए यहां 20 स्व सहायता समूह संचालित हैं। इन बहनों द्वारा गाय के मूत्र से फिनायल बनाई जाती है, साथ ही यह मुर्गी पालन से भी जुड़ रहीं हैं। दल के सामने इन्होंने मधुर गीत- मेरा समूह बड़ा प्यारा, गरीब हटाओ बहनों, गाकर सुनाया।

मिलती है 16 तरह की दवाइयां:- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज कराने आई परविंदर कौर, शीला, राम स्वरूप आदि ने बताया कि यहां मौजूद चिकित्सक निशुल्क इलाज करते हैं और दवा मुफ्त में मिलती है। स्टोर में 16 तरह की दवाएं हैं। एक प्रशिक्षित महिला नर्स द्वारा प्रसव भी कराया जाता है।
130 करोड़ में स्थापित हुआ सब स्टेशन

चीनौर में अब तक डबरा से बिजली आती थी, इसलिए वाल्टेज न होने से सिंचाई पंप नहीं चलते थे, इसकी जानकारी मिलते ही 130 करोड़ की लागत से 132/3 केवी उच्चदाव का सब स्टेशन खड़ा किया गया, जिससे यहां घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि पंपो को 10 घण्टे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे कृषक और गांववासी बेहद खुश हैं।

बिना किताबों के पढ़ रहीं छात्राएं

शायद यह किसी को नहीं पता कि चीनौर की लड़कियां अब बिना किताब के पढ़ाई कर रहीं हैं। वह भी बिना टाटपट्टी पर बैठे, उनके लिए टेबल कुर्सी की आधुनिक व्यवस्था की गई है। यहां विशेष साफ्टवेयर-ई कन्टेंट टेक्नोलॉजी के आधार पर पढ़ाई कराई जाती है, जिसमें 136 लड़कियां अध्ययनरत हैं। इन्हें स्कूल में ही अलग-अलग प्रकार का भोजन भी दिया जाता है। इसके अलावा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 523 छात्र-छात्राओं के लिए नया भवन, लायब्रेरी, प्रयोगशाला, खेल मैदान, शौचालय, पेयजल आदि की व्यवस्था है। इस सरकारी स्कूल के कारण यहां के निजी स्कूलों में बच्चों की संख्या घटती जा रही है।

हाट बाजार बनकर तैयार

50 लाख की लागत में ग्रामीण हाट बाजार बनकर तैयार है जिसमें सात दुकानें, एक हॉल और दो शेड हैं। शीघ्र ही इनका आवंटन हो जाएगा। इसी तरह कृषि उपज मण्डी में एक करोड़ रुपए की लागत से ट्रॉली शैड और 25 दुकानें बन रही हैं।

लीलाबाई पहुंची अपने घर में

लीलाबाई पहले झोपड़ पट्टी में रहती थी, लेकिन अब वह प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बने घर में रहने लगी है। यहां ऐसे 44 घर बनकर तैयार हैं। पास ही आंगनबाड़ी में बच्चों को रखा जाता है और भोजन की व्यवस्था रहती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गरिमा गौतम बताती हैं कि यहां जन्म से 6 साल तक के बच्चे आते हैं।

सड़कों का बिछा जाल

शिवपुरी लूप मार्ग से शीतला माता, चीनौर, डबरा तक 8512 लाख रुपए में सड़कें बनाई जा रहीं हैं। वहीं चीनौर, करहिया, भितरवार की सड़क 4760 लाख की लागत से बनने जा रहीं हैं। इसके अलावा नयागांव-चीनौर तक भी 3786 लाख में सड़क बनना प्रस्तावित है।

गांव हुआ वाई-फाई

डिजीटल साक्षरता मिशन के तहत चीनौर ग्राम वाई-फाई हो गया है, यहां 14 से 60 वर्ष तक के ग्रामीणों को कम्प्यूटर व डिजीटल शिक्षा दी जा रही है।

Updated : 11 Nov 2017 12:00 AM GMT
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