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अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर आधारित डाक्यूमेंट्री का ट्रेलर फेसबुक पर किया जारी

अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर आधारित डाक्यूमेंट्री का ट्रेलर फेसबुक पर किया जारी
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कोलकाता। जी हाँ, निर्देशक सुमन घोष ने सेंसर बोर्ड की अवहेलना करते हुए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर आधारित डाक्यूमेंट्री का ट्रेलर फेसबुक पर जारी किया जिसमें वे चार शब्द शामिल नहीं हैं, जिनके स्थान पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने बीप का इस्तेमाल करने को कहा था।

बता दें कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड सीबीएफसी या सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने फिल्म द ऑर्ग्यूमेंटेटिव इंडियन में चार शब्दों - गुजरात, गाय, हिंदुत्व और हिंदू भारत के इस्तेमाल पर आपत्ति जतायी है।

बताया जा रहा है कि ट्रेलर में ये शब्द नहीं हैं लेकिन निहलानी ने कथित रूप से प्रीव्यू ट्रेलर की रिलीज की भी मंजूरी देने से मना कर दिया क्योंकि फिल्म को रिलीज की मंजूरी नहीं दी गयी है। फिल्म कल शुक्रवार रिलीज होने वाली थी। घोष ने कहा कि उन्हें फिल्म रिलीज करने की मंजूरी नहीं दी गयी, इस वजह से उन्होंने ट्रेलर जारी करने का फैसला किया। साथ ही घोष ने कल अपने फेसबुक पेज पर ट्रेलर डालते हुए कहा, हम हमारी फिल्म द ऑर्ग्यूमेंटेटिव इंडियन 14 जुलाई को रिलीज करने वाले थे। हमें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई। हमने रिलीज के लिए एक ट्रेलर तैयार किया था। यदि आपको यह पसंद आए तो कृपया इसे शेयर कीजिए। टैगोर की कविता का उच्चारण विक्टर बनर्जी ने किया है।

उन्होंने लिखा, और मैं देशभर के लोगों और मीडिया से मिलने वाले समर्थन को लेकर आभारी हूं। इस क्लिप में गुजरात , गाय , हिंदुत्व एवं हिंदू भारत जैसे शब्द नहीं हैं जिनके स्थान पर सीबीएफसी कोलकाता कार्यालय ने डाक्यूमेंट्री में बीप का इस्तेमाल करने की सिफारिश की है।

घोष ने निहलानी से जुड़ी एक खबर के लिंक के साथ दोबारा ट्रेलर आज फेसबुक पर पोस्ट किया जिसमें निहलानी ने फिल्म के प्रमाणन के बिना ट्रेलर जारी किए जाने को गैरकानूनी बताकर इस पर आपत्ति जताई है।

घोष ने पोस्ट किया, तो अब इंटरनेट पर ट्रेलर डालने पर रोक लगाई जा रही है। पता नहीं, यह सब क्या हो रहा है। श्री निहलानी का हमला। निहलानी ने अखबार से कहा कि घोष को अप्रमाणित ट्रेलर ऑनलाइन नहीं डालना चाहिए था क्योंकि सिनेमटोग्राफ अधिनियम कहता है कि सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए प्रमाणन जरूरी है। निर्देशक ने कहा, सीबीएफसी यह तय नहीं कर सकता कि मैं इंटरनेट पर ट्रेलर डालूं या नहीं। यह गैर कानूनी नहीं है।

Updated : 16 July 2017 12:00 AM GMT
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