अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना थी तो अंसारी ने क्यों नहीं दिया इस्तीफा : शिवसेना
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नई दिल्ली। देश के अल्पसंख्यकों में असुरक्षा संबंधी उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के केंद्र की मोदी सरकार पर कसे गए तंज पर भाजपा और शिवसेना ने पलटवार किया है। भाजपा नेताओं ने अंसारी के बयान को उप राष्ट्रपति पद की गरिमा के विरुद्ध बताया है। उधर, शिवसेना ने भाजपा से एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा है कि अगर उनको अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना दिख रही थी, तो पहले ही इस्तीफा देकर जनता के बीच जाना चाहिए था। भाजपा और शिवसेना ने अंसारी पर शीर्ष पद की गरिमा को गिराने का आरोप लगाया है।
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, 'अगर हामिद अंसारी को मुस्लिमों में बेचैनी और असुरक्षा की भावना दिखती है तो इस विषय को लेकर उन्होंने पहले ही अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे दिया। अब जब वह जा रहे हैं, तब इस तरीके का बयान दे रहे हैं। उनको पहले ही इस्तीफा देकर जनता के बीच जाना चाहिए था।'
संजय राउत ने कहा कि अल्पसंख्यक मुस्लिम के लिए देश में बहुसंख्यक हिंदुओं को गलत नजरिए से देखा जाता है। देश की पूरी मशीनरी मुस्लिमों की सुरक्षा में लगा दी गई है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया में भारत के नागरिकों से ज़्यादा कोई सुरक्षित नहीं है। गिरिराज ने कहा, 'यहां कोई कुछ भी कह सकता है| कोई भी पत्थरबाजों का समर्थन कर सकता है| कोई भी अलगाववादियों का समर्थन कर सकता है। यहां आधी रात को आतंकियों के लिए कोर्ट खुल सकते हैं| इसलिए भारत में हिंदू और मुसलमान सभी सुरक्षित हैं। भारत जैसी अभिव्यक्ति की आज़ादी वाला देश नहीं मिलेगा। भारत में जो चाहे किसी को गाली दे दे।'
गिरिराज ने एक बात और स्पष्ट तरीके से कही कि अगर भारत में रहना है तो क़ानून एक ही होगा। अयोध्या पर एक क़ानून और ट्रिपल तलाक़ पर दूसरा क़ानून, भारत में ये नहीं चलेगा।
भाजपा के उन्नाव से लोकसभा सांसद साक्षी महाराज ने भी कहा कि वह उपराष्ट्रपति अंसारी के बयान से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'भारत में जितने मुसलमान सुरक्षित हैं, दुनिया में कहीं भी नहीं हैं। देश में जबसे मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं, कोई साम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ। जबसे योगी मुख्यमंत्री बने हैं यूपी में भी कोई दंगा नहीं हुआ है। हालांकि पत्थर फेंकने वाले, बम फेंकने वाले आतंकवादी सुरक्षित नहीं हैं। ये दुर्भाग्य की बात है कि वे (हामिद अंसारी) तीन साल तक मौज मारते रहे| जब कुर्सी से विदाई का समय आ गया, तो उन्हें मुसलमान असुरक्षित लगने लगा है| इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता है।'
साक्षी महाराज ने कहा, 'मुझे लगता है कि वे किसी पार्टी की सदस्यता लेने वाले हैं| इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। ये देश संविधान से चलेगा न कि फ़तवों से और किसी के विचारों से चलेगा।' दूसरी तरफ भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी हामिद अंसारी के बयान से असहमति जताई है। विजयवर्गीय ने कहा, 'मुझे लगता है कि देश के उच्च पद पर बैठकर इस तरह का बयान देना ठीक नहीं है। मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं। तीन-चार घटनाओं के आधार पर आकलन करना ठीक नहीं हैं। ऐसे हज़ारों उदाहरण मिल जाएंगे कि हिन्दू-मुसलमान मिलकर एक साथ रहते हैं। अगर इस तरह से आप नकारात्मक दृष्टि से देश आकलन करेंगे तो देश के साथ न्याय नहीं करेंगे। लगता है कि इस तरह के बयान देकर वे भविष्य में राजनीतिक सम्भावनाओं को तलाश रहे हैं। किसी शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति से इस तरह के हल्के बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती है।