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रेलवे स्टेशन के कार्यालय में चूहे भी करवा रहे हैं ‘आरक्षण’

रेलवे स्टेशन के कार्यालय में चूहे भी करवा रहे हैं ‘आरक्षण’
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चूहों के बिलों को बंद करने रेलवे लेगा मशीन की मदद

ग्वालियर| पटरियों से निकलकर चूहे अब ग्वालियर रेलवे स्टेशन के आरक्षण कार्यालय तक पहुंचने लगे हैं। भोजन की तलाश में यहां बड़े-बड़े चूहों की भरमार है। इन चूहों से रेलवे प्रशासन भी तंग आ चुका है, लेकिन रेलवे प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा है। स्थिति यह है कि कोई यात्री टिकट बुक कराने पहुंचता है तो चूहे नीचे धमाचौकड़ी करते हुए दिख जाते हैं।

चूहों की भरमार ने रेलवे अधिकारियों को केवल कार्यालयों में ही नहीं बल्कि घरों में भी परेशान कर रखा है। रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि चूहे कार्यालयों में उत्पात मचाकर काम की वस्तुओं को काट जाते हैं, लेकिन अब चूहों द्वारा बिल और सुरंग करके रेलवे ट्रैक को पहुंचाने वाले नुकसान से बचाने के लिए रेलवे अब ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) की मदद ले सकता है। इस तकनीक के माध्यम से विशेष मशीन द्वारा रेलवे ट्रैक का सर्वे किया जाएगा। मशीन जमीन के नीचे सुरंग और बिल को स्कैन करके उसकी जानकारी दे देगी। इससे बिल को बंद करने में रेलवे को आसानी होगी। हालांकि अभी इसका प्रयोग उत्तर रेलवे में शुरू कर दिया गया है और अगर यह प्रयोग सफल रहा तो उसे अन्य जोनों में भी शुरू किया जाएगा। बताया गया है कि इस मशीन को खरीदने के साथ-साथ करोड़ों रुपए का खर्चा भी आएगा।

बारिश में बैठ जाते हैं ट्रैक
चूहे रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन में बड़े-बड़े बिल कर देते हैं, जब बारिश का सीजन आता है तो इसमें पानी भर जाता है। उसके पश्चात ट्रैक बैठ जाता है। इसको दुरुस्त करने में हर साल करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। चूहों के बिल अंदर ही अंदर होते हैं जो दिखाई नहीं देते हैं। इसके लिए रेलवे जीपीआर की मदद लेगा। इसके लिए एक विशेष मशीन खरीदी जाएगी, जो ट्रैक का सर्वे करेगी।

Updated : 20 March 2018 12:00 AM GMT
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