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फिर अटका भोपाल-जबलपुर फोरलेन का प्रकल्प
जंगली जानवरों के विचरण को लेकर विवाद
भोपाल/राजनीतिक संवाददाता। जंगली जानवरों के आवागमन के लिए हर एक किलोमीटर पर बनाए जाने वाले अंडरपास को लेकर भोपाल-जबलपुर फोरलेन प्रकल्प एक बार फिर अटक गया है। नौरादेही अभयारण्य की सीमा से निकलने वाले हिस्से में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधीकरण अपनी ही दिशा निर्देश का पालन नहीं कर रहा है। अभयारण्य से निकलने वाली सड़क में जंगली जानवरों को निकलने के लिए हर एक किलोमीटर पर अंडर पास देना होता है, जिसकी ऊंचाई 5 मीटर और चौड़ाई 50 मीटर होना चाहिए, लेकिन नौरादेही की सीमा में बनने वाले अंडरपास की ऊंचाई एनएचएआई ने 3.5 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर डीपीआर में तय की है और इसी के आधार पर निर्माण किया जाएगा। दिशानिर्देश के मुताबिक अभ्यारण्य क्षेत्र में वनप्राणियों को निकलने के लिए अंडरपास की ऊंचाई 5 मीटर होना चाहिए, जो प्राधीकरण ने नहीं दी है।
तय मानकों के आधार पर निर्माण न होने की वजह से जिला वनमंडलाधिकारी ने आपत्ति जताते हुए अंडरपास के निर्माण की स्वीकृति रोक दी है। नौरादेही से निकलने वाले फोरलेन सडक़ में दिशानिर्देश के उल्लंघन होने का मामला नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ (एनबीडब्ल्यूएल) और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) तक पहुंच गया है। जिला वनमंडलाधिकारी ने वन्य क्षेत्र से जुड़ी दोनों संस्थाओं को पत्र लिखकर मामले की सारी जानकारी दी है और निर्माण को लेकर अपनी आपत्ति भी जताई है। जिला वनमंडलाधिकारी ने पत्र में कहा है कि तय मानक से अंडरपास का निर्माण न होने की वजह से जंगली जानवर राजमार्ग के पार नहीं कर पाएंगे और अभयारण्य की सीमा में एक ओर ही अपना बसेरा बनाए रहेंगे।
नए दिशा निर्देश से बनना चाहिए अंडरपास
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में निर्देश जारी कर वन क्षेत्र मेंं नई दिशा निर्देश के मुताबिक सडक़, रेल मार्ग,उच्च क्षमता भार वाहिनी टनल व अंडरपास बनाने के निर्देश दिए है। वन्यजीवों को आवागमन में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय ने अपनी पुरानी दिशा निर्देश को अधतन किया है।
अभ्यरण क्षेत्र वन क्षेत्र में अब नए दिशानिर्देश के मुताबिक ही निर्माण किया जाएगा और जो अंडरपास दिशानिर्देश के मुताबिक नहीं बने हैं और उन्हें तोड़कर फिर से बनाया जाएगा, जबकि नौरादेही से निकलने वाले जबलपुर-भोपाल राजमार्ग सड़क के निर्माण में पुरानी ही दिशा निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है।
डोंगरगांव के आसपास दिखे ये वन्यप्राणी
नौरादेही अभयारण्य के डोंगरगांव परिक्षेत्र में जिस स्थान से फोरलेन गुजरना है, अभयारण्य के अधिकारी उस क्षेत्र में रहने वाले वन्य प्राणियों का सर्वे करा चुका है। इस दौरान वहां बंदर, लंगूर, सियार, मोर, लकड़बग्घा, खरगोश, चीतल, कबरबिज्जू, जंगली सूअर, जंगली बिल्ली, सांभर, भेड़की, भेड़िया और भालू अलग-अलग समय पर अच्छी संख्या में देखने को मिले हैं।
सूचक पटल लगाने में हो चुकी है गड़बड़ी
नौरादेही अभयारण्य के बीच से गुजरने वाले रहली-तेंदूखेड़ा-पाटन सड़क के निर्माण में अभयारण्य सीमा में सूचक पटल लगाने में गड़बड़ी हो चुकी है। मप्र सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) द्वारा 221 करोड़ की लागत से बनाए गए इस रोड में अभयारण्य सीमा में सूचक पटल लगाने में पैसा बचाया गया है। नौरादेही सेंचुरी की सीमा में 22 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। इसमें 18 किमी वन क्षेत्र और 4 किमी राजस्व क्षेत्र में सड़क बनाई गई है।
वन क्षेत्र में निर्माण एजेंसी को 258 सूचक पटल लगाने थे, लेकिन महज 25 पटल ही लगाए गए हैं। इनमें गति सीमा, जानवर पार करते समय और ध्वनि विस्तारक .. जैसे पटल शामिल हैं, इन तीनों के 8 6 -8 6 सूचक पटल लगाने थे। लेकिन गति सीमा के महज 25 सूचक पटल ही लगाए गए हैं। दिशा निर्देश के मुताबिक ही निर्माण की स्वीकृति दी जाएगी।