महाशिवरात्रि पर 1.50 करोड़ श्रद्धालुओं का महास्नान: त्रिवेणी में आस्था का महासागर, श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ पार…
महाकुम्भनगर। महाशिवरात्रि के महास्नान पर बुधवार को त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान के लिए आस्था का महासागर उमड़ पड़ा। महाकुम्भ के अंतिम स्नान पर्व पर करोड़ों श्रद्धालु देर रात से ही पुण्य की कामना के साथ संगम की रेत पर एकत्रित होने लगे। सुबह 8 बजे ही 60 लाख से ज्यादा लोगों ने पवित्र स्नान कर लिया। हर-हर गंगे, बम बम भोले और जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा।
सीएम योगी के विशेष निर्देश पर सुरक्षा के ऐसे पुख्ता इंतजाम रहे कि परिंदा भी पर न मार सके। यहां डीआईजी वैभव कृष्ण और एसएसपी राजेश द्विवेदी खुद मैदान में उतरकर व्यवस्थाओं की निगरानी करते रहे।
समाचार लिखे जाने तक 1.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकार पुण्यार्जन किया। वहीं, 45 दिन के इस अनुष्ठान में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर चुके हैं।
मुख्य सचिव और डीजीपी ने लिया जायजा : आखिरी स्नान पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में पूरा प्रशासनिक महकमा जुटा रहा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार बोट के जरिए संगम नोज पर स्थिति का जायजा लेते रहे। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी : डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हमने भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और तकनीकों का अभूतपूर्व मॉडल पेश किया है।
हमने भीड़ प्रबंधन और निगरानी के लिए विश्व स्तरीय तकनीकों और एआई का इस्तेमाल किया। सभी एजेंसियों से मिले सहयोग ने हमें अभूतपूर्व तरीके से काम करने में मदद की। अयोध्या, वाराणसी और विंध्यवासिनी देवी जैसे धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की भारी भीड़ देखी गई, जो प्रयागराज आने के बाद वहाँ गए।
महाकुंभ बिना किसी बड़ी दुर्घटना के संपन्न हुआ : डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि हमने रेलवे के साथ मिलकर काम किया। स्नान के दिनों में 5 लाख और अन्य दिनों में 3-4 लाख लोगों ने रेलवे सेवाओं का इस्तेमाल किया। हमें पूरा विश्वास था और जैसा कि मैंने पहले कहा, यह हमारे लिए चुनौती नहीं बल्कि एक अवसर है।
हमारे कर्मियों ने 45 दिनों तक जमीनी स्तर पर काम किया और उससे पहले दो महीने तक प्रशिक्षण लिया। हमने कई मिसाल कायम की जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगी। सुरक्षा-व्यवस्था कुछ और दिनों तक बनी रहेगी जब तक कि हम अपने सभी उपकरणों को हटा नहीं लेते। व्यक्तिगत रूप से, यह गर्व की बात है और एक अविस्मरणीय अनुभव है।
सुरक्षा को लेकर अलर्ट रहा प्रशासन : श्रद्धालुओं के साथ साधु-संत, महामंडलेश्वर और देश-विदेश से आए भक्त संगम में पवित्र डुबकी लगाते नजर आए। इसके साथ ही सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए थे। महाकुम्भनगर के एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पवित्र स्नान के लिए अद्भुत और दिव्य महाकुम्भ की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं।
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए क्षेत्र को पूरी तरह सुरक्षित बनाया गया। यातायात पूरी तरह सुचारु रहा और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। स्नान के बाद श्रद्धालु दान-पुण्य करते दिखे।
ऐतिहासिक क्षण को कैमरे में कैद करने की उत्सुकता : महाशिवरात्रि पर अंतिम पवित्र स्नान के दौरान इस ऐतिहासिक क्षण को अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने के लिए श्रद्धालुओं की उत्सुकता विशेष रही। हर व्यक्ति इस दिव्य अनुभूति को अपने कैमरे में सुरक्षित करने के लिए उत्साहित नजर आया।
लोग स्नान के दौरान और स्नान के बाद सेल्फी से लेकर ग्रुप फोटोज लेते नजर आए। वहीं, तीर्थराज प्रयागराज में इन अद्भुत क्षणों को देश विदेश में बैठे अपने परिजनों को लाइव दिखाने की भी होड़ लगी रही।