चंबल का अनोखा भंडारा, बुलडोजर बना रहा सब्जी, क्रांकीट बनाने वाला मिक्सर घोल रहा बेसन
दंदरौआ धाम में आयोजित सियपिय मिलान समारोह, 20000 भक्त एक साथ लेते हैं प्रसादी
भिंड। मप्र के चंबल अंचल का भिंड जिला यूं तो डकैतों के लिए मशहूर है लेकिन अभी इसकी चर्चा किसी दस्यु गैंग के लिए नहीं बल्कि खाने के लिए हो रही है। जिले की तहसील मेहगांव का दंदरौआ धाम सिद्धस्थल के रूप में जाना जाता है जहां एक बेहद भव्य आयोजन हो रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। कार्यक्रम में आनेवाले लाखों लोगोें के लिए भंडारा चल रहा है और प्रतिदिन 20,000 से ज्यादा लोग प्रसादी ले रहे हैं। खास बात ये है की इस विशाल भंडारे को बनाने के लिए बुलडोजर और मिक्सर का उपयोग किया जा रहा है।
बुलडोजर से बन रही सब्जी -
प्रदेश में जो बुलडोजर अपराधियों का मकान तोड़ने का काम रहा है। उसी बुलडोजर को यहां किचन अप्लायंसेस के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। बुलडोजर आलू की सब्जी बना रहा है, वहीँ मिक्सर बूंदी बना रही है। जेसीबी मशीन का जो पंजा मकानों को ढहाने के काम आता है, वह यहां आलूओं को मसलने और नको कड़ाही में उलटने-पलटने का काम कर रहा है। साथ ही चमचे की तरह बड़े भगोनों में भर रहा है।
बूंदी बनाने के लिए कांक्रीट मिक्सर का उपयोग -
वहीँ प्रसाद में मिष्ठान के रूप में बंटने वाली बूंदी को बनाने के लिए छत ढालने के लिए मसाला बनाने वाली मिक्सर बेसन घोल रही है। यह मिक्सर बिल्डिंग निर्माण के दौरान गिट्टी, रेत और सीमेंट को मिक्स करने के लिए उपयोग में लाया जाता है जो बिजली से चलता है, लेकिन यहां इन मिक्सरों से बेसन और पानी का घोल बनाकर बूंदी बनाई जा रही है। इससे समय की बहुत बचत हो रही है।
अनोखा भंडारा -
आयोजकों ने बताया कि आज तक कभी ऐसा भंडारा इलाके में नहीं हुआ. इस भंडारे में प्रतिदिन -
- 30 ट्रॉली सब्जी
- 5 ट्रॉली पूड़ी
- 40 ट्रॉली माल पुआ
- 20 ट्रॉली खीर बनाई जा रही है।
भंडारे की प्रसादी के लिए प्रतिदिन 300 क्विंटल आलू, डेढ़ टन दूध, एक टन चावल, 75 क्विंटल शक्कर और 15 टन आटे आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ये है मंदिर की खासियत -
भिंड जिले के मेहगांव में दंदरौआ गांव में हनुमान जी का एक मंदिर स्थित है, जिसे दंदरौआ सरकार कहा भी जाता है। इस मंदिर को लोगडॉक्टर हनुमान के नाम से भी जानते है। मान्यता है की यहां आने वाले मरीजों को यहां परिक्रमा करने से आराम मिलता है। यहीं कारण है की यहां हर मंगलवार-शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है।