भये प्रकट कृपाला से गुंजायमान हुआ रावतपुरा, 1 लाख दीपों से जगमगा उठा धाम
भिंड। अनन्त विभूषित रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार के पावन सानिध्य में आज भगवान श्री राम का भव्य जन्मोत्सव आयोजित किया गया।मुख्य रामदरबार मन्दिर में भक्तों की अपार भीड़ के मध्य प्रभु जन्म की प्रतिकृति जन्मोत्सव को देखकर पूरा आश्रम परिसर जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा।भये प्रकट कृपाला की अनन्त आवर्ती उद्घोष से पूरा क्षेत्र हर्षित था।
अनन्त विभूषित श्री रविशंकर जी महाराज स्वयं इस भव्य जन्मोत्सव के साक्षी बने।महिलाओं ने पालने में सुशोभित अवधपति के बाल रूप को अपने मंगल गीतों के साथ झुलाया।जन्मोत्सव के आनन्ददायक वातावरण में भक्तों की आत्मीय भागीदारी का सिलसिला दोपहर 12 बजे से देर रात्रि तक जारी रहा।
इससे पूर्व श्रीराम अर्चन यज्ञ का समापन भी वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य सम्पन्न हुआ। पूर्णाहुति की समिधा से पूरा वातावरण सुगन्धित हो उठा था।भक्तों ने यज्ञ मंडप में ऋषिकुमारों से मंगल धागों के रूप में 9 दिन चले यज्ञ का सुरक्षा कवच अपनी कलाइयों पर बंधवाए। कोरोनॉ प्रतिबंध के चलते दो बर्ष तक सार्वजनिक आयोजन न होने के कारण इस खुले आयोजन को लेकर भक्तों में अलग ही उत्साह देखा जा सकता था।राम जन्मोत्सव में प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया के अलावा कलेक्टर ,पुलिस अधीक्षक समेत बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।
हजारों भक्तों ने पाई प्रसादी -
रामार्चन यज्ञ की समाप्ति के बाद आश्रम के अन्नक्षेत्र में विशाल भंडारा दोपहर 12 से आरम्भ होकर देर रात तक निर्बाध रूप से चलता रहा।हजारों की संख्या में लोगों ने इस भंडारे में प्रसादी का पुण्यलाभ अर्जित किया।भंडारे के लिए बूंदी,मालपुआ औऱ सब्जियां इतनी बड़ी मात्रा में निर्मित की गई थी कि उनका भंडारण बड़ी बड़ी ट्रालियां में करना पड़ा।आश्रम में अध्ययनरत बटुकों ने भंडारे में आये भक्तों को प्रसादी वितरण का जिम्मा संभाल रखा था।इनके अलावा आश्रम क्षेत्र से सटे गांवों से भी बड़ी संख्या में आये स्वयंसेवक भंडारे की व्यवस्था में सहयोग करते नजर आए।इस भंडारे की खास बात यह भी थी कि भक्त औऱ व्यवस्थापक समान रूप से स्वच्छता का विशेष अनुपालन कर रहे थे।
एक लाख दीपों से जगमगाया आश्रम -
सूर्यास्त के तत्काल बाद आश्रम एक लाख दीपों के प्राकृतिक प्रकाश से जगमगा उठा।स्वयं अनन्त विभूषित महाराज ने दीप प्रज्वलित कर इस दीप पर्व का शुभारंभ किया।मुख्य हनुमानजी मन्दिर के अलावा श्री राम दरबार, पुष्कर सरोवर,शिव प्रतिमा समेत आश्रम के कोने कोने में प्रज्वलित दीप अंधेरे को अपनी अपरिमित प्रकाश शक्ति से परास्त करते नजर आए।दीवाली की तरह जगमग आश्रम परिक्षेत्र में एक अलग ही छटा के दर्शन इस दीप पर्व से निर्मित नजर आया।भक्तों ने प्रभु राम के जन्मोत्सव से जुड़े मंगल गीत गाये।रामचरितमानस की चौपाइयों से सामूहिक स्वर इस आयोजन को राममयी बनाने वाले थे।