Wayanad Disaster: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की मांग, वायनाड आपदा के लिए राहत पैकेज जारी करें केंद्र

Update: 2025-02-24 10:13 GMT

Priyanka Gandhi Demand Relief Package for Wayanad Disaster

Priyanka Gandhi Demand Relief Package for Wayanad Disaster : नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से वायनाड आपदा के लिए राहत पैकेज देने की मांग की है। इसके संबंध में प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। इस पत्र में उन्होंने बीते दिन वायनाड जिले की दो बस्तियों में आये विनाशकारी भूस्खलन में प्रभावित लोगों की पीड़ा बताई है और उन्हें राहत फंड देने की मांग की है। 

प्रियंका गांधी ने पत्र में कहा कि, वायनाड लोकसभा के सांसद के रूप में मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के चूरलमाला और मुंडक्कई के लोगों की दुर्दशा से आपको अवगत कराना अपना कर्तव्य समझा। यह वास्तव में हृदय विदारक है कि एक भयावह त्रासदी ने वहां के लोगों के जीवन और आजीविका को नष्ट कर दिया है। इस त्रासदी के छह महीने बाद भी वे अपने जीवन को फिर से बनाने की कोशिश करते हुए अकल्पनीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

प्रियंका गांधी ने आगे कहा, जैसा कि आप जानते हैं, 30 जुलाई 2024 को वायनाड जिले के इन दो बस्तियों में और उसके आसपास एक विनाशकारी भूस्खलन हुआ था। इस आपदा के बाद 298 लोग मृत पाए गए। 231 शव बरामद किए गए, जिनमें 223 शरीर के अंग थे। 32 लोग लापता बताए गए और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। 17 परिवार जिनके कुल 58 सदस्य थे, पूरी तरह से खत्म हो गए। 1685 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। ये घर, स्कूल, गांव के कार्यालय, डिस्पेंसरी, आंगनवाड़ी, दुकानें, धार्मिक केंद्र और सरकारी इमारतें थीं।

प्रियंका गांधी ने बताया, केरल के सांसदों के लगातार आग्रह के बाद केंद्र सरकार ने हाल ही में तबाही के पीड़ितों के लिए 529.50 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है। इसकी अपर्याप्तता के तथ्य के अलावा यह अभूतपूर्व है कि पैकेज दो शर्तों के साथ आता है: पहला यह कि धनराशि को मानक के अनुसार अनुदान के रूप में नहीं, बल्कि ऋण के रूप में वितरित किया जाएगा।

दूसरा यह कि इसे 31 मार्च 2025 तक पूरी तरह से खर्च किया जाना चाहिए। ये शर्तें न केवल बेहद अनुचित हैं, बल्कि वे चूरलमाला और मुंडक्कई के लोगों के प्रति संवेदनशीलता की चौंकाने वाली कमी को भी दर्शाती हैं, जिन्होंने इतना विनाशकारी नुकसान झेला है।

पत्र में आगे कहा, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप उनकी दुर्दशा पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें। मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि राहत पैकेज को एक दिखावा बना दें और इसके कार्यान्वयन की समयावधि बढ़ा दें। इससे उन्हें अपने जीवन को फिर से संवारने में मदद मिलेगी। इससे उन्हें यह भी भरोसा मिलेगा कि भविष्य में कुछ हद तक सुरक्षा और उम्मीद है।


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