इतिहास ने बाबू कुंवर सिंह के साथ अन्याय किया : अमित शाह
अमित शाह बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह में शामिल हुए
पटना। बिहार में आरा जिले के जगदीशपुर में शनिवार को बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जगदीशपुर की धरती युगपुरुषों की धरती है। उन्होंने बाबू वीर कुंवर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इतिहास ने बाबू कुंवर सिंह के साथ अन्याय किया है। उनकी वीरता के अनुरूप उन्हें जगह नहीं दी गई। आज बिहार की जनता पलक पांवड़े बिछाकर उनका नाम एक बार फिर से अमर कर रही है।
शाह ने कहा कि आज से 163 वर्ष पूर्व 80 साल की उम्र के कुंवर सिंह ने इस क्षेत्र को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाई। आज लाखों-लाख लोग उनके लिए आएं हैं। मैं सबको नमन करता हूं। आजादी के पहले संग्राम को इतिहासकारों ने विफल विद्रोह कहकर बदनाम करने का काम किया। वीर सावरकर ने स्वतंत्रता संग्राम कहकर सम्मानित करने का काम किया।
झंडा फहराने के बाद शहीद हुए -
अमित शाह ने कहा कि बाबू कुंवर सिंह के हाथ में गोली लग गई। उन्होंने अपने ही हाथ से अपनी दूसरी हाथ काट ली। ऐसे साहस कुंवर सिंह के अलावा किसी में नहीं हो सकता। वीर कुंवर सिंह ऐसे अकेले थे, जिन्होंने 80 साल के होने के बावजूद आरा-सासाराम से लेकर अयोध्या से बलिया होते हुए विजय का झंडा फहराया। चार दिन तक खून बहने के बावजूद भी उस वीर व्यक्ति का प्राण नहीं गया। जगदीशपुर में आजादी का झंडा फहराने के बाद वे शहीद हुए। आज मैं उस जगह पर गया था। 58 साल से अनेक प्रकार की रैलियों में गया हूं लेकिन आरा में राष्ट्रभक्ति का ये उफान देखकर नि:शब्द हूं। ऐसा कार्यक्रम जीवन में कभी नहीं देखा।
विश्वामित्र की जन्मभूमि -
अमित शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के 75वें साल में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय किया है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक "भारत माता की जय" की आवाज जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री ने तीन लक्ष्य रखें हैं। एक तो आजादी के दीवाने जिन्होंने देश के लिए जीवन बलिदान कर दिया, आज की युवा पीढ़ी जाने। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र विश्वामित्र की जन्मभूमि है। यहीं ताड़का वध प्रभु श्रीराम ने किया था। यही से मिथिला जाने की उन्हें प्रेरणा मिली। यहां वशिष्ठ नारायण जी की जन्मभूमि रही।