गुवाहाटी। असम विधानसभा चुनाव में भाजपा के चुनाव प्रचार को धार देने के लिए रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीन चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। रक्षा मंत्री को सुनने के लिए तीनों जनसभाओं में भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
राजनाथ सिंह सबसे पहले बिश्वनाथ विधान सभा के भाजपा उम्मीदवार प्रमोद बरठाकुर के समर्थन में बिश्वनाथ के शधारु खेल मैदान में और इसके बाद गोहपुर के भाजपा उम्मीदवार उत्पल बोरा के समर्थन में डुफलाघुर टी ईस्टेट इलाके में जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने गोलाघाट जिला के देरगांव में असम गण परिषद (अगप) के उम्मीदवार भबेन भराली के समर्थन में भी एक चुनावी सभा को संबोधित किया। बाद में वे जोरहाट हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए रवाना हो गये।
रक्षा मंत्री ने कहा, 'असोम' शब्द से उत्पन्न हुए असम जैसा कोई दूसरा राज्य नहीं है। माता कामाख्या देवी और ब्रह्मपुत्र की यह पवित्र भूमि है। लचित बरफूकन जैसे शूरवीरों की इस धरती पर आकर मन श्रद्धा से झुक जाता है। बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि पुणे के पास खड़गवासला में जो नेशनल डिफेंस अकादमी है वहां सेना में जाने वाले कैडेटस में बेस्ट कैडेट को लचित बरफूकन ट्राफी दी जाती है।
उन्होंने कहा, हम असम की इस धरती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। यही कारण था कि हमने संगीत सम्राट डॉ भूपेन हजारिका को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' की उपाधि दी। भूपेन हजारिका को भारत रत्न से सम्मानित करना असम के प्रति हमारे सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत असम में करीब एक करोड़ 84 लाख बैंक खाते खोले गए जो बहुत बड़ी उपलब्धि है। गरीब माताओं, बहनों तक मुफ़्त गैस सिलेंडर पहुंचाए गए हैं। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत असम में 35 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं।
सिंह ने कहा, आज असम के सारे ज़िले खुले में शौच मुक्त हो गए हैं। कोरोना काल में जो मुस्तैदी प्रधानमंत्री और यहां के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिखाई गयी है उसने असम समेत पूरे भारत को बहुत काफी प्रभावित किया है। जबकि, कई बड़े देश इस महामारी में धराशायी हो गए। उन्होंने कहा, हम चाय बागान में काम करने वाले मजदूरों के दर्द को समझते हैं और इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने उनकी मजदूरी बढ़ाकर 318 रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि धुबरी के इलाके में जहां नदी सीमा के कारण सामान्य फेंसिंग लगाना संभव नही था वहां इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और अन्य तकनीकी समाधान के जरिए सीमा को सुरक्षित करने में कामयाबी हासिल कर ली गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि लचित बरफूकन की बहादुरी और निष्ठा की कहानियां असम के जन-जन के बीच लोकप्रिय है। मातृभूमि की रक्षा के लिए उन्होंने अपने मामा को भी मारने में संकोच नही किया। वे मानते थे देश पहले, बाकी सब बाद में।
गोहपुर में चुनाव सभा को संबोधित किया -
गोहपुर में अन्य एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, कौन भूल सकता है इसी गोहपुर इलाके की बेटी कनकलता बरुवा को जिसने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान देश की आजादी के लिए अपना बलिदान कर दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय कोस्ट गार्ड में एक जहाज का नाम उसी असम की बेटी कनकलता के नाम पर रखा गया है। रक्षा मंत्री ने कहा, सालों तक असम के धेमाजी को डिबरूगढ़ जिले से जोड़ने वाले बोगीबील पुल का काम रुका पड़ा था। कांग्रेस की सरकारों ने काम को लटकाए रखा। जब मोदी ने केंद्र की सत्ता संभाली और सर्वानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री बने तब जाकर 2018 के दिसम्बर में मोदी ने बोगीबील पुल का उद्घाटन किया। असम और नार्थ ईस्ट के राज्यों को रेलवे कनेक्टिविटी देने के लिए 2008 किमी लंबे 19 प्रोजेक्ट 75795 करोड़ों रुपए की लागत से पिछले कुछ वर्षों में शुरू किए गए है।