नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात और हरियाणा के चार स्थलों को 'रामसर संधि' के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों के तौर पर मान्यता मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि चार भारतीय स्थलों को रामसर मान्यता प्राप्त हुई है। यह एक बार फिर भारत के प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करने, वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण की दिशा में काम करने और एक हरित ग्रह के निर्माण के सदियों पुराने लोकाचार को प्रकट करता है।"
बता दें की गुजरात के थोल एवं वाधवाना और हरियाणा के सुल्तानपुर एवं भिंडावास को रामसर ने मान्यता दी है। देश में अब इस प्रकार के रामसर स्थलों की संख्या 46 हो गई है।रामसर सूची का उद्देश्य आर्द्रभूमि के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विकास और रखरखाव करना है जो वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण एवं उनके पारिस्थितिक तंत्र के घटकों, प्रक्रियाओं और लाभों के रखरखाव के जरिये मानव जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
आर्द्रभूमि क्षेत्र भोजन, पानी, फाइबर, भूजल पुनर्भरण, जल शोधन, बाढ़ नियंत्रण, कटाव नियंत्रण और जलवायु विनियमन जैसे महत्वपूर्ण संसाधन एवं पारिस्थितिकी सेवाएं प्रदान करता है। वास्तव में वह पानी का एक बड़ा स्रोत होता है और मीठे पानी की हमारी मुख्य आपूर्ति आर्द्रभूमि के एक समूह से होकर गुजरती है जो वर्षा जल को सोखने और पानी को रिचार्ज करने में मदद करती है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय इस क्षेत्र का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश आर्द्रभूमि प्राधिकरण के साथ मिलकर काम करेगा।