नईदिल्ली। जंतर-मंतर पर शुक्रवार को दूसरे दिन भी शांतिपूर्ण तरीके से किसानों ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान 'किसान संसद' का आयोजन किया गया। यहां किसानों ने किसान संसद उसी तरह से चलाया जैसे संसद की कार्यवाही चलाई जाती है। यहां पूरे दिन सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। कोई अप्रिय घटना न होने पाये इसके लिए अर्द्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी प्रवेश द्वार पर भारी-भरकम अवरोधकों के साथ तैनात रहे।
इस किसान संसद की अध्यक्षता हरदेश अर्शी ने किया। सदन के उपाध्यक्ष के रूप में जगतार सिंह बाजवा को चुना गया। इस दौरान सभी किसानों ने अपनी-अपनी समस्याओं से सदन को अवगत कराया साथ ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का अनुरोध किया। इस किसान संसद में किसानों ने अपना कृषि मंत्री भी चुन रखा था। जिससे खूब सवाल जवाब किया गया। किसान संसद को तीन सत्रों में चलाया गया साथ ही प्रश्नकाल भी रखा गया। इस दौरान खूब जवाब-सवाल और तीखी नोक झोंक भी हुई।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि जब तक संसद की कार्यवाही चलेगी तब तक किसानों की ओर से जंतर-मंतर पर किसान संसद का आयोजन किया जाएगा। इस संसद में सिंघु बार्डर से हर दिन 200 किसान जाएंगे। इस चुने हुए 200 किसानों को मोर्चे की ओर एक पहचान पत्र हर दिन जारी किया जाता रहेगा। जिनको मोर्चा पहचान पत्र जारी करेगा वही किसान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने जा सकेंगे। मोर्चे ने अपने बयान में कहा कि किसान संसद में शामिल होने के लिए देश के लगभग सभी राज्यों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर आए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा हर दिन अलग-अलग किसानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए भेज रहा है।
पुलिस की कड़ी सुरक्षा -
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर 'किसान संसद' आयोजित किया था। गुरुवार की भीड़ को देखते हुए आज भी जंतर-मंतर पर कड़ी सुरक्षा की गई है। वहीं दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर भी कड़ी सुरक्षा की गई है। इन दोनों जगहों पर दिल्ली पुलिस के जवान के अलावा पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों की तैनाती की गई है।