भोपाल: जयश्री गायत्री कंपनी की डायरेक्टर पायल मोदी ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर लगाए गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला

Update: 2025-01-31 03:42 GMT

जयश्री गायत्री कंपनी की डायरेक्टर पायल मोदी ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर लगाए गंभीर आरोप

मध्यप्रदेश। मैं पायल मोदी, किशन मोदी की जयश्री गायत्री कंपनी की डायरेक्टर। अब इसे मेरी किस्मत कहें या बदकिस्मती, लेकिन जो भी हो कभी सोचा नहीं था, जिंदगी यह सब करने के लिए मजबूर कर देगी। कुछ लोग जिनके हाथ में राजनीतिक पावर है उनकी वजह से मेरा परिवार बिखरने जा रहा है। आज मैं जो कदम उठाने जा रही हूँ उसके जिम्मेदार चंद्र प्रकाश पांडे, वेद प्रकाश पांडे, सुनील त्रिपाठी, भगवान सिंह मेवाड़ा, हितेश पंजाबी, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और अन्य लोग हैं।

यह सभी लोग चिराग पासवान के रिश्तेदार हैं। जैसे चन्द्रप्रकाश पांडे चिराग पासवान के जीजा है। और वेद प्रकाश पांडे, चन्द्र प्रकाश पांडे के छोटे भाई हैं। सभी लोग चिराग पासवार की पावर का इस्तेमाल करके मुझे और मेरे परिवार को बहुत परेशान कर रहे हैं। हमारी कम्पनी में काम करते हुए कम्पनी में चोरी की जिसकी एफआईआर दर्ज कराइ थी। हमारे ऊपर CGST, FFSI, EOW, ED की रेड पड़ी थी। मैं और मेरा परिवार बहुत प्रताड़ित है।

 

यह उस कथित सुसाइड लेटर के कुछ अंश है जो पायल मोदी ने जहर खाने से पहले लिखा था। पायल मोदी, किशन मोदी की पत्नी हैं। इनकी कंपनी जयश्री फ़ूड कम्पनी के ठिकानों पर ईडी ने दबिश दी थी। इसके अगले दिन यानी, 30 जनवरी को उन्होंने चूहा मार दवा खाकर आत्महत्या की कोशिश की। वे अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं। उनका इलाज जारी है।

पायल मोदी ने अपने सुसाइड लेटर में एलजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान समेत पांच लोगों को उनकी हालत का जिम्मेदार बताया है। पायल मोदी ने भगवान सिंह मेवाड़ा का नाम भी लिया है जिनकी शिकायत के आधार पर ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की थी। EOW की FIR के बाद ED ने मामले में एंट्री ली थी।

ईडी ने मेसर्स जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ("जेजीएफ") के मामले में मध्य प्रदेश के भोपाल, सीहोर और मुरैना जिलों में स्थित विभिन्न परिसरों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 29 जनवरी को तलाशी अभियान चलाया था।

तलाशी में किशन मोदी, पायल मोदी, अमित कुकलोद और अन्य सहित प्रमुख व्यक्तियों के आवासीय परिसर और मेसर्स जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के आधिकारिक परिसर और कारखाने को भी शामिल किया गया था। ये सभी अपराध की आय के कथित लाभार्थी थे।

ईडी ने मेसर्स जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (EOW), भोपाल द्वारा दर्ज FIR/चार्जशीट के आधार पर जांच शुरू की थी। एफआईआर की जांच से पता चला कि, कंपनी अपने निदेशकों के माध्यम से "जाली लैब प्रमाणपत्रों" का उपयोग करके घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलावटी दूध उत्पादों के उत्पादन और वितरण में लगी हुई थी।

फर्जी प्रयोगशाला प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल :

अब ईडी की जांच में पता चला कि, मेसर्स जेजीएफ ने मिलावटी दूध उत्पाद बनाए और निर्यात निरीक्षण एजेंसी (ईआईए) इंदौर से निर्यात प्रमाणन प्राप्त करने के लिए BIS/NABL मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं द्वारा जारी किए गए फर्जी प्रयोगशाला प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया। इसका इस्तेमाल मिलावटी दूध उत्पादों के निर्यात के लिए किया गया।

ईडी जांच में खुलासा हुआ है कि, ये प्रमाण पत्र या तो मूल रूप से अन्य कंपनियों को जारी किए गए थे या जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए थे। अब तक की जांच के दौरान, 63 जाली प्रयोगशाला प्रमाणपत्रों की पहचान की गई है, जिनका इस्तेमाल विभिन्न देशों के साथ-साथ घरेलू खपत के लिए मिलावटी दूध उत्पादों के निर्यात के लिए किया गया था।

74 करोड़ रुपये की संपत्ति समेत लग्जरी कारें जब्त :

तलाशी अभियान के दौरान, कंपनी या उसके निदेशकों के नाम पर लगभग 6.26 करोड़ रुपये की सावधि जमा (एफडी) के रूप में चल संपत्तियां पाई गईं, जिन्हें फ्रीज कर दिया गया और 25 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई, साथ ही BMW और फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी कारें भी जब्त की गईं। इसके अलावा, 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए।

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