समूचे दक्षिण एशिया में फैला है नाथ संप्रदाय, आस्था को सम्मान के साथ पर्यटन से जोड़ रही सरकार: योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि नेपाल के दांग के राजकुमार राजा रतन नाथ परंपरा को नेपाल में फैलाया। उनकी दरगाह काबुल में है।

Update: 2021-03-20 11:54 GMT

गोरखपुर। तिब्बत से श्रीलंका पाकिस्तान से बांग्लादेश तक नाथ संप्रदाय फैला है। सामाजिक विकृतियों एवं कुरीतियों के विरोध में नाथ संप्रदाय के अनुयायियों ने आवाज उठाई। झोपड़ी से लेकर राजमहल तक नाथ की परंपरा मिलती है। नाथ संप्रदाय की परंपरा बेहद समृद्ध है। नाथ सम्प्रदाय सिद्ध संप्रदाय है। इस संप्रदाय के योगियों और संतों से जुड़े बहुत से प्रसंग हैं। जो सभी को नाथ संप्रदाय से जुडऩे को बाध्य करते हैं। यही वजह है कि पूरी दुनिया में नाथ संप्रदाय का विस्तार है। मुख्यमंत्री दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित नाथ पंथ का वैश्विक प्रदेय विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने नाथ संप्रदाय के कई अच्छे पल की चर्चा की। कुछ संस्मरण भी सुनाए।

योगी आदित्यनाथ ने सुनाई नाथ संप्रदाय की कहानी

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि नेपाल के दांग के राजकुमार राजा रतन नाथ परंपरा को नेपाल में फैलाया। उनके नाम से एक दरगाह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में है। उनका एक मठ दिल्ली में भी है। एक बांग्लादेश के ढाका में ढाकेश्वरी देवी का मंदिर स्थित है। इसके अलावा वहां पर आदिनाथ भगवान का मंदिर मौजूद है। नाथ सम्प्रदाय की परंपरा राजस्थान से भी जुड़ी हुई है। जोधपुर में नाथ संप्रदाय से जुड़ा हुआ पुस्तकालय मौजूद है। यहां नाथ संप्रदाय से संबंधित साहित्य है।यह साहित्य 400 साल पुराने हैं। 17वीं शताब्दी में जोधपुर में नाथ संप्रदाय के साहित्यकारों ने श्रीनाथ तथा आवली की रचना की। इसमें नाथ संप्रदाय से जुड़े सभी तीर्थ स्थलों का विस्तृत विवरण है। उनके महत्व की जानकारी है। नाथ सम्प्रदाय के सिद्धांतों के साथ ही उसका व्यवहारिक पक्ष भी बेहद मजबूत है। नाथ सम्प्रदाय के सिद्धांतों का पालन करके व्यक्ति सामाजिक कुरीतियों के साथ ही शारीरिक बीमारियों से भी बच सकता है। यह खानपान जीवन संयम रहन-सहन सब की शिक्षा देता है। नाथ सम्प्रदाय ‌के सन्यासी वंदे मातरम से जुड़े रहे हैं। हिंदी, सहित अन्य भाषाओं में नाथ संप्रदाय की साहित्य की किताबें उपलब्ध हैं। युवा पीढ़ी इसे पढ़कर नाथ संप्रदाय के बारे में जान सकते हैं। इनसाइक्लोपीडिया में इसकी जानकारी उपलब्ध हो इस दिशा में ही विश्वविद्यालय प्रयास करें जिससे नाथ संप्रदाय का प्रचार प्रसार पूरे विश्व में फैल सके।


 आस्था के सम्मान के साथ पर्यटन बन रही है रोजगार का माध्यम :मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार धार्मिक आस्था के सम्मान के साथ धार्मिक पर्यटन स्थलों को रोजगार का बड़ा माध्यम बनाने की दिशा में तेज से कार्य कर रही है। कभी बीमारू समझा जाने वाला उत्तर प्रदेश वास्तव में अपार संभावनाओं वाला प्रदेश है। इन संभावनाओं में पर्यटन भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सफलतापूर्वक पूर्ण चार सालों में ईमानदारी से किए गए प्रयासों से हमने यह प्रमाणित किया है कि उत्तर प्रदेश देश में समृद्घ राज्य होने का सामर्थ्य रखता है। सीएम योगी शनिवार को गोरखपुर के एनेक्सी भवन से प्रदेश के 373 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 180 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। हर विधानसभा क्षेत्र में वहां के विधायक द्वारा प्रस्तावित ग्रामीण, धार्मिक व हेरिटेज पर्यटन स्थल के सौंदर्यीकरण व बुनियादी सुविधाओं के विकास कार्य मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत कराए जाएंगे। सीएम योगी ने कहा कि पर्यटन रोजगार और प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने का बड़ा माध्यम बन रहा है। उत्तर प्रदेश राम, सर्किट, कृष्ण सर्किट, बौद्ध सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट का प्रमुख केंद्र है। धार्मिक पर्यटन के साथ ही यहां इको टूरिज्म का केंद्र बनने की असीम संभावनाएं हैं। इसके दृष्टिगत पर्यटन के माध्यम से रोजी रोजगार बढ़ाने की दिशा में सरकार संकल्पित भाव से प्रयासरत है।

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में वैश्विक पटल पर स्थापित हो रही काशी की ख्याति

पर्यटन विकास के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों की चर्चा के क्रम में सीएम योगी ने काशी विश्वनाथ मंदिर का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बाबा विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर के जरिए काशी दुनिया में सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र बनने जा रहा है। 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के उद्घाटन के समय महात्मा गांधी आए थे और काशी की संकरी गलियों और गंदगी देख खिन्न मन से टिप्पणी की थी। बापू ने 100 वर्ष पहले टिप्पणी की थी लेकिन आज पीएम मोदी के मार्गदर्शन में काशी की ख्याति वैश्विक पटल पर स्थापित हो रही है। पर्यटन विकास के साथ ही वहां रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। सीएम ने कहा कि हमने वहां फैसिलिटेशन सेंटर बनवाया है। इससे पर्यटकों को तो सहायता मिल ही रही है, रोजगार की दिशा में भी संभावनाएं बढ़ी हैं। इस सेंटर से काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट सालाना एक करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय बढ़ाई है। सीएम योगी ने कहा कि बीएचयू में वैदिक शोधपीठ के साथ ही संतकबीरनगर के मगहर में संत कबीर शोधपीठ की स्थापना हो रही है। गोरखपुर में जटाशंकर व मोहद्दीपुर के गुरुद्वारा, कालीबाड़ी मंदिर आदि परंपरा के साथ जुड़े स्थानीय स्थलों को भी निखारा जा रहा है।

हर पर्यटन स्थल पर कुछ नयेपन का हो प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना का लाभ मिलेगा। जिन स्थानों से समय पर प्रस्ताव नही मिले हैं, वहां के विधायकों से भी प्रस्ताव लेकर प्राथमिकता से कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर पर्यटन स्थल ब्रह्ममुहूर्त में संकीर्तन जैसा कुछ नयापन हो, इसका प्रयास जनप्रतिनिधियों को भी करना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने प्रदेश सरकार के चार साल की उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश देश का सिरमौर और निवेशकों की पहली पसंद है। बटन दबाकर परियोजनाओं का शिलान्यास करने के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन विकास और योजनाओं पर केंद्रित दो पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। शिलान्यास समारोह में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के विधायक ऑनलाइन जुड़े जबकि गोरखपुर के एनेक्सी भवन में मुख्यमंत्री के साथ सांसद रविकिशन शुक्ल, राज्यसभा सदस्य जयप्रकाश निषाद, महापौर सीताराम जायसवाल नगर विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम आदि मौजूद रहे।

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