नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन का लैंड यूज बदलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता ने शुक्रवार को पर्यावरण मंजूरी पर भी आपत्ति जताई। याचिकाकर्ता ने इसे भी चुनौती देने के लिए याचिका में संशोधन करने की अनुमति मांगी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दे दी। मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी।
राजीव सूरी ने दायर याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ने पिछले 20 मार्च को एक नोटिफिकेशन के जरिये सेंट्रल विस्टा के प्लान को हरी झंडी दी थी। सेंट्रल विस्टा को नोटिफाई करने का आदेश बिना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के किया गया है।कोर्ट ने पिछले 30 अप्रैल को इस मामले पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि नया संसद भवन बनाया जा रहा है इसमें परेशानी की क्या बात है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने दिसंबर 2019 में बीस हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लैंड यूज बदलने पर एक नोटिस के जरिये आपत्तियां मंगाई थी। इस नोटिफिकेशन को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया है कि ये नोटिफिकेशन दिल्ली डेवलपमेंट एक्ट की धारा 11ए के तहत गैरकानूनी है। डीडीए को इसे नोटिफाई करने का अधिकार नहीं है। याचिका में कहा गया था कि यह नोटिफिकेशन दिल्ली मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन करता है।