विनियोग विधेयक पर सदन में चर्चा: भूपेश बघेल बोले- क्या होगा प्रदेश का? चंद्राकर ने कहा- अब नग्न प्रदर्शन नहीं करना पड़ेगा
Appropriation Bill Discussion : रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान सियासी माहौल उस वक्त गर्म हो गया, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर आमने-सामने आ गए। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की सरकारों पर जमकर हमले बोले। जहां भूपेश बघेल ने मौजूदा सरकार पर विकास कार्यों में ढिलाई, बजट का सही इस्तेमाल न करने और कई योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाया, वहीं अजय चंद्राकर ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि अब छत्तीसगढ़ में किसी को नग्न प्रदर्शन की नौबत नहीं आएगी।
भूपेश बघेल का हमला: "सरकार को बजट क्यों दें?"
भूपेश बघेल ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पिछले बजट का 50% से भी कम खर्च हुआ है। कई महत्वपूर्ण योजनाएं बंद कर दी गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार कुछ करने को तैयार ही नहीं, तो बजट देने का क्या मतलब? बघेल ने बलौदाबाजार में कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय जलाने की घटना का जिक्र करते हुए पुलिस की निष्क्रियता पर निशाना साधा। कचरू साहू की मौत के मामले में भी उन्होंने सरकार को घेरा और कहा कि हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही हत्या का खुलासा हुआ, लेकिन दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कोयला माफिया पर कार्रवाई न होने, शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों की कमी और विधायकों की उपेक्षा जैसे मुद्दों को भी उठाया। बघेल ने पर्यावरण और आदिवासियों पर पावर प्लांट्स के असर की चिंता जताई। उनका कहना था कि बड़े पैमाने पर जंगल काटे जा रहे हैं और आदिवासी मुख्यमंत्री को सिर्फ दिखावे के लिए बनाया गया है। धान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 40 लाख मीट्रिक टन चावल बाजार में बेचने से 3,500 करोड़ का नुकसान होगा। उन्होंने महानदी जल विवाद को खत्म करने की मांग भी की, क्योंकि ओडिशा और दिल्ली में भाजपा की सरकार है।
अजय चंद्राकर का पलटवार: "कांग्रेस ने कुछ नहीं किया"
अजय चंद्राकर ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जीडीपी राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य है। उन्होंने प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 62 हजार रुपये तक पहुंचने और 13.8% राजस्व वृद्धि का दावा किया। चंद्राकर ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसा कि वह पांच साल में बेरोजगारी की परिभाषा तक तय नहीं कर पाई। उन्होंने बजट प्रबंधन के लिए दिल्ली से मिले 4,400 करोड़ रुपये के इंसेंटिव और 5.62 लाख भूमिहीन लोगों को 10,000 रुपये सालाना देने की बात कही।
चंद्राकर ने नई औद्योगिक नीति में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने और बस्तर में पंडुम आयोजन की चर्चा की। नक्सलवाद को मार्च 2026 तक खत्म करने का लक्ष्य रखते हुए उन्होंने बताया कि एक साल में 300 नक्सली मारे गए और 1,000 ने सरेंडर किया। पीएससी घोटाले में टामन सोनवानी के रिश्तेदारों का नाम आने का जिक्र करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला। साथ ही, 2019-22 के बीच 519 किसानों की आत्महत्या और कृषि भूमि के रकबे में कमी को कांग्रेस सरकार की नाकामी बताया।
दोनों पक्षों की तीखी नोकझोंक
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि वे कोर्ट जाएंगे और प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेंगे। इस पर चंद्राकर ने जवाब दिया कि अब कानून का राज चलेगा, स्वेच्छाचारिता नहीं। वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जे और नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के लिए बजट न देने जैसे मुद्दों पर भी बहस हुई। भूपेश बघेल ने धान और महानदी जल विवाद पर सरकार के साथ पीएम के पास जाने की बात कही, जिसे चंद्राकर ने सुशासन और विकास के दावों के साथ खारिज किया।