नई दिल्ली। भारत के खूबसूरत पूर्वोत्तर क्षेत्र में फुटबाल सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि जीवनशैली है। इसमें कोई शक नहीं कि जिन आठ राज्यों से भारत का समृद्ध पूर्वोत्तर बनता है, उन राज्यों ने इतने शानदार खिलाड़ी दिए हैं कि किसी एक भी क्लब की कल्पना इस क्षेत्र के खिलाड़ियों के बगैर नहीं की जा सकती।
नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है। इस टीम को प्यार से हाईलैंडर्स पुकारते हैं। इस क्लब ने इस क्षेत्र में फुटबाल के पारंपरिक प्यार को एक नई दिशा और दशा दी है। बीते पांच साल में इस क्लब ने अपने लिए प्रशंसकों का एक मजबूत समूह तैयार किया है, जो हर हालात में टीम के साथ रहना पसंद करते हैं।
नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी को आईएसएल के पहले संस्करण में अच्छी शुरुआत नहीं मिली थी। उसने सिर्फ तीन मैच जीते थे और अगले तीन सीजन तक प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। क्लब ने हालांकि अपने प्रशंसकों को बांधे रखा और यही कारण था कि हार हो या जीत, हर परिस्थिति में उसके फैन्स बड़ी संख्या में स्टेडियम का रुख करते थे।
क्लब मालिक और अभिनेता जॉन अब्राहम ने कहा, ''मैंने हमेशा से नॉर्थईस्ट को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में देखा, जो फुटबाल की समझ रखता है और जहां इस खेल के लिए लोगों में अटूट प्यार है।''
नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी के फैन्स को सफलता देखने के लिए पांच साल तक इंतजार करना पड़ाष डच कोच एल्को स्काटोरी की देखरेख में इस टीम ने पहली बार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया और इतिहास रचा। हालांकि कुछ खिलाड़ियों की चोट के कारण वह दुर्भाग्यवश फाइनल में नहीं पहुंच पाई।
नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी के हार्डकोर फैन्स ने हमेशा उसका साथ दिया है। बीते सीजन में गुवाहाटी के इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम मे होने वाले मैचों में औसत दर्शक संख्या 14 हजार के करीब रही। बेंगलुरू एफसी के खिलाफ हुए सेमीफाइनल मैच में यहं 22 हजार लोग मैच देखने और अपनी टीम की हौसलाअफजाई के लिए पहुंचे।
ओमान के साथ भारत के विश्व कप 2022 क्वालीफायर मैच के लिए इसी स्टेडियम में 23 हजार लोग पहुंचे। यह साबित करता है कि इस क्षेत्र में फुटबाल को लेकर जबरदस्त प्यार है।