थाईलैंड अंडर 16 फुटबॉल टीम : लुआंग गुफा में से 12 खिलाडियों सहित कोच को सुरक्षित निकाला

Update: 2018-07-08 14:18 GMT

नई दिल्ली। थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में पिछले 17 दिनों से फंसे 12 बच्चे और एक कोच को आखिरकार बाहर निकाल लिया गया है। रेस्क्यू टीम की जी तोड़ मेहनत के बाद बच्चों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। हालांकि तीसरे दिन निकाले गए बच्चों की हालत कैसी है इस बारे में अभी कोई सूचना नहीं मिली है। इससे पहले बचाव अभियान के पहले और दूसरे दिन जिन बच्चों को बाहर निकाला गया था उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया गया है हालांकि संक्रमण के डर से उन्हें अभी उनके माता पिता से मिलने नहीं दिया जा रहा है। चियांग राइ के पूर्व गवर्नर और बचाव अभियान के कमांडर नारोंगसाक ओसोतानकोर्न ने कहा कि जिन बच्चों को बचाया गया है, उनकी हालत अच्छी है। सोमवार को बचाए गए बच्चों की हालत उससे पहले दिन बचाए गए बच्चों की तुलना में ज्यादा बेहतर है।

लगभग दो हफ्ते तक गुफा में फंसे रहने के बाद 11 बच्चे बाहर निकाले जा चुके हैं। ब्राजील के दिग्गज खिलाड़ी रोनाल्डो , इंग्लैंड के जोन स्टोन्स और अर्जेंटीना के लियोनेल मेस्सी ने बच्चों को शुभकामनाएं दीं। फीफा के अध्यक्ष जियानी इनफैनटिनो ने भी बच्चों की फुटबॉल टीम को रूस में विश्व कप का फाइनल मैच देखने के लिए आमंत्रित किया था लेकिन चिकित्सकों ने उनके प्रस्ताव को यह कहते हुए मना कर दिया कि बच्चे अच्छी स्थिति में हैं लेकिन अभी उन्हें एक हफ्ते तक अस्पताल में रहना होगा। सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'वे अभी कही नहीं जा सकते है। वे मैच को टेलीविजन पर देखेंगे।उन्हें अस्पताल में रहना होगा। बता दें कि 23 जून को फुटबॉल अभ्यास के बाद ये 12 बच्चे और उनके कोच गुफा में घूमने गए थे लेकिन भारी बारिश की वजह से अंदर ही फंस गए। 1986 में एक विदेशी पर्यटक सात दिनों के लिए फंस गया था। उसे आसानी से निकाल लिया गया था, लेकिन तब बाढ़ नहीं थी। 2016 अगस्त में चीनी भाषा का पूर्व टीचर गुफा में गायब हो गया था। उसने कहा था कि वह तपस्या करने जा रहा है। खोज अभियान में वह नहीं मिला। लेकिन तीन माह बाद ही वह रिसॉर्ट में टहलता मिला।


थाईलैंड में इस गुफा को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। एक लोकप्रिय मान्यता उसके नाम को लेकर है। गुफा का नाम 'टैम लोंग- खुन नम नांग नोन' है। इसका मतलब पर्वत पर सो रही एक महिला की गुफा से है जो नदी का उद्गम स्थल है। मान्यता है कि चियांग रूंग शहर की एक राजकुमारी एक घुड़सवार से गर्भवती हो गई थीं। डर की वजह से दोनों पर्वतीय इलाके में चले गए। यहां पहुंचने पर पति ने राजकुमारी से कहा कि वो कुछ खाने के लिए लाने जा रहा और तब तक वो आराम कर लें। इसी दौरान राजकुमारी के पिता ने उसके पति की हत्या दी। राजकुमारी ने अपने पति का कई दिनों तक इंतजार किया। जब उन्हें लगा कि अब वो नहीं आएगा तो राजकुमारी ने बालों में लगाने की पिन से खुदकुशी कर ली। राजकुमारी का खून पहाड़ से नीचे गिरा और उसी से एक नदी निकली।

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