तुर्की ने लौटाया भारत का 15 मिलियन टन गेहूं, रूबेला वायरस को बताया कारण

Update: 2022-06-01 10:04 GMT

नईदिल्ली।  तुर्की ने भारत द्वारा भेजी गई गेहूं की खेप को लेने से इंकार कर दिया है। तुर्की ने गेहूं में फाइटोसैनिटरी होने की आशंका जाहिर की है।  फाइटोसैनिटरी का अर्थ होता है पेड़-पौधों से जुड़ी बीमारी। तुर्की की मनाही के बाद 29 मई को जो जहाज यह खेप लेकर तुर्की पहुंचा था। वह अब वापिस लौट रहा है। 

15 मिलियन टन गगेहूं से लदा एमवी इंस अकडेनिज जहाज तुर्की के इस्केंडरुन पोर्ट से भारत के लिए रवाना हो गया है।  इसके जून के मध्य तक गुजरात के कांडला पोर्ट पर पहुंचने की उम्मीद है।  तुर्की द्वारा बड़ी खेप लौटाए जाने के बाद भारतीय व्यापरियों की मुश्किलें बढ़ गई है. गौरतलब है कि मार्च 2022 में निर्यातकों ने तकरीबन 7 मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया था।  

रूबेला वायरस की शिकायत - 

विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तुर्की ने भारतीय गेहूं में रूबेला नाम की बीमारी होने की शंका जताई है।  जिसके चलते तुर्की के कृषि मंत्रालय ने इसे लेने से इनकार कर दिया। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय पौधों में रूबेला बीमारी गंभीर समस्या है. इसी वजह से विदेश भेजे जाने वाले कंसाइनमेंट में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।  

निर्यात पर रोक से पहले रवाना - 

बता दें की ये खेप सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने से पहले रवाना हुई थी। इसे एक प्राइवेट कंपनी की ओर से भेजा गया था। अप्रैल में महंगाई दर बढ़ने के बाद भारत ने गेंहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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