Patna Hunkaar Rally Blast: नरेंद्र मोदी की रैली में एक के बाद एक कई धमाके, निशाने पर थे भारत के भावी PM, साजिश रचने वाले अब कहां हैं?
Patna Hunkaar Rally Blast : बिहार। साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले एक ऐसी मोदी लहार चली थी जिससे कोई बच नहीं पाया। मतदान हुए और निर्णय जनता ने दिया। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और भारत एक नए दौर का साक्षी बना लेकिन यह कहानी इतनी सीधी भी नहीं थी। इस कथा में कई ऐसे मोड़ आए जब लगा कि, यह कोई असलियत नहीं बल्कि किसी फिल्म की कहानी है। 2013 में नरेंद्र मोदी अपने चुनावी अभियान में लगे थे तब भी ऐसा ही एक पल आया। 27 अक्टूबर 2013 को जब नरेंद्र मोदी चुनावी विगुल फूंकने पटना गए तो उनकी सभा के दौरान मंच से मात्र 100 मीटर दूर कई धमाके हुए। निशाने पर थे देश के भावी प्रधानमंत्री क्योंकि अंतरखानों में यह चर्चा थी कि, कुछ भी हो जाए मनमोहन सरकार की वापसी तो नहीं होने वाली है।
इस हमले के साजिशकर्ताओं को लेकर बुधवार को एक बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मामले के साजिशकर्ताओं पर पटना हाई कोर्ट ने एक अहम निर्णय दिया है जिसके बाद वह दिन और उस हमले की यादें एक बार फिर ताजा हो गईं हैं जब पटना में अलग - अलग जगह ब्लास्ट हुए और 6 निर्दोष लोगों की मौत हो गई और 85 से अधिक लोग घायल हुए।
पटना हाई कोर्ट का फैसला जानने से पहले इस मामले को विस्तार से जानिए।
27 अक्टूबर 2013 को नरेंद्र मोदी के लिए एक आम दिन था। उन्हें पटना में एक चुनावी रैली को संबोधित करना था। ऐसे तो उस समय नरेंद्र मोदी की रैली उनके बयानों को लेकर चर्चा में रहती थी लेकिन इस रैली के चर्चा में रहने का विषय कुछ अलग था। पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी जब रैली करने पहुंचे तो भारी मात्रा में जनता की भीड़ उमड़ी। गांधी मैदान में मौजूद पत्रकार बताते हैं कि, चारों ओर बस मोदी - मोदी के नारे सुनाई देते थे फिर अचानक ब्लास्ट की आवाज सुनाई देने लगी।
लोगों को ब्लास्ट के बारे में पता ही नहीं था :
27 अक्टूबर को मोदी मंच पर थे और 100 मीटर की दूरी पर सीरियल ब्लास्ट हो रहे थे। नरेंद्र मोदी ने थोड़ी देर रुक कर कहा कि, सभी लोग आराम से घर जाइए। इसके बाद सभी को अंदेशा हुआ कि, रैली में कुछ तो बड़ा हुआ है। यहां हैरान करने वाली बात यह है कि, वहां मौजूद लोगों को पता ही नहीं था कि, पटना के गांधी मैदान जहां वे मौजूद थे वहां आतंकी हमला हुआ है। लोगों को जो विस्फोट की आवाज सुनाई दी उसे कई लोग पटाखे समझ रहे थे। जब खुलासा हुआ तो एक बम नरेंद्र मोदी के मंच के नीचे ही मिला था जिसका डिटोनेटर खराब था।
क्या - क्या हुआ था उस दिन :
पटना में नरेंद्र मोदी हुंकार रैली को संबोधित करने आने वाले थे और पहला धमाका पटना रेलवे स्टेशन पर हुआ जिसमें एक व्यक्ति के चीथड़े उड़ गए। इस इस मामले में एक कुली ने एक आतंकी इम्तियाज को पकड़ लिया जो बम प्लांट करने आया था। इसके बाद दूसरा धमाका गांधी मैदान के पास हुआ। 11 बजकर 24 मिनट पर उद्योग भवन के सामने हुए इस धमाके में कई बीजेपी कार्यकर्ता घायल हुए। इसके बाद 12 बजकर 5 मिनट पर रीजेंट सिनेमा के सामने धमाका हुआ। ऐसे ही कई धमाके हुए। गांधी मैदान पर नरेंद्र मोदी पहुंच गए थे। इसके बाद भी एक धमाका हुआ। इस मैदान में तीन लाख लोग मौजूद थे।
हुंकार रैली में न जाने की दी थी सलाह :
इस मामले में जानकारों का कहना है कि, गुजरात पुलिस को धमाकों के बारे में पहले ही इनपुट मिला था। इसके बाद नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगे बड़े अधिकारियों ने उन्हें हुंकार रैली में न जाने के लिए कहा था बावजूद इसके उन्होंने रैली नहीं रोकी। रैली के दौरान घायल हुए लोगों को चुपचाप एम्बुलेंस में बैठाकर अस्पताल ले जाया गया। नरेंद्र मोदी ने अंत में कहा था कि, हमें बस शांति बनाए रखनी है।
अब इसकी चर्चा क्यों :
सालों पहले हुआ यह हमला अब दोबारा चर्चा में आ गया है क्योंकि पटना हाई कोर्ट ने इन हमलों से जुड़े साजिशकर्ताओं और आतंकियों पर बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में 4 दोषियों की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया है। इनमें हिसार अली, मुजीबुल्लाह, नोमान और इम्तियाज शामिल है। इन चारों को फांसी की सजा हुई थी जबकि दो अन्य दोषियों उमर और अजहरुद्दीन को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।