नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि देश आज खिलौनों के निर्यात का 'पावर हाउस' बन रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं, उद्यमियों और स्टार्ट-अप के प्रयासों से मिली सफलता ऐसी है 'जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' की 91वीं कड़ी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में अब विदेश से आने वाले खिलौनों की संख्या लगातार कम हो रही है। पहले जहां 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के खिलौने बाहर से आते थे, वहीं अब इनका आयात 70 प्रतिशत तक घट गया है। इसी दौरान भारत ने दो हजार छह सौ करोड़ रुपये से अधिक के खिलौनों को विदेशों में निर्यात किया है। पहले केवल 300-400 करोड़ रुपये के खिलौने ही भारत से बाहर जाते थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सब कोरोनाकाल में हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारत के खिलौना उद्योग ने खुद को बड़े स्तर पर बदला है। भारतीय उत्पादक अब भारतीय पौराणिक कथाओं, इतिहास और संस्कृति पर आधारित खिलौने बना रहे हैं। देश में जगह-जगह छोटे उद्यमियों के बनाए खिलौने अब दुनियाभर में जा रहे हैं। भारत के खिलौना निर्माता विश्व के प्रमुख वैश्विक खिलौना ब्रांड के साथ मिलकर भी काम कर रहे हैं।खिलौना उद्योग से जुड़े दिलचस्प विषयों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु में शुम्मे टॉयज स्टार्ट अप इको-फ्रैंडली खिलौनों पर ध्यान केन्द्रित कार्य कर रहा है। गुजरात में आर्किडजू कंपनी एआर आधारित फ्लैश कार्ड 3 एआर-आधारित स्टोरीबुक बना रही है। पुणे की कंपनी फनवेंशन लर्निंग, खिलौने और एक्टिविटी पजल के जरिये विज्ञान, तकनीक और गणित में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ाने में जुटी है।