कमलनाथ की अधिकारियों को धमकी, सरकार आने के बाद लूंगा हिसाब, शिवराज का पलटवार, भाषा का संयम रखें
मुख्यमंत्री चौहान ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस का वचन पत्र ढोंग पत्र है
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक दिन पहले निवाड़ी में अधिकारियों से हिसाब लेने की चेतावनी थी। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है। उन्होंने रविवार को अपने नियमित पौधरोपण के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह उनकी कुंठा बोल रही है। एक कुंठित व्यक्ति ही ऐसी भाषा बोल सकता है- देख लूंगा, निपटा दूंगा, पीस दूंगा। उन्होंने कमलनाथ को बुजुर्ग नेता बताते हुए कहा कि वे भाषा का संयम रखें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने प्रतिदिन पौधरोपण करने के संकल्प के क्रम में रविवार को राजधानी भोपाल के स्मार्ट उद्यान में पौध लगाने पहुंचे। यहां उन्होंने पौधरोपण करने के बाद कमलनाथ के बयान पर कहा कि मुझे लगता है कि कभी वे खुद को भावी मुख्यमंत्री बताते हैं। कभी भविष्य वक्ता बताते हैं, कभी पंचांग पढ़ने लगते हैं। एक कुंठित व्यक्ति ही ऐसी भाषा बोल सकता है। कमलनाथ जी, आप बुजुर्ग नेता हैं। कम से कम संयम का परिचय दीजिए। गली में खड़ा कोई कार्यकर्ता ऐसी भाषा बोल दे, तो ठीक लगता है, लेकिन मैं देख लूंगा, निपटा दूंगा, ये कोई सीनियर नेता बोलता है क्या?
कांग्रेस का वचन पत्र ढोंग पत्र
मुख्यमंत्री चौहान ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस का वचन पत्र ढोंग पत्र है। आजकल कमलनाथ रोज एक ट्वीट कर देते हैं। कर्जा माफ, सबको रोजगार...। उन्होंने अपने वचन पत्र के वादे पूरे नहीं किए और अब ढोंग कर रहे हैं। सपने दिखा रहे हैं। सपनों के लिए कौन-क्या लिख सकता है, लिख दो। करना तो कुछ है नहीं, लेकिन काठ की हांडी एक बार चढ़ती है बार-बार नहीं चढ़ती।उन्होंने शनिवार को उमा भारती से हुई मुलाकात को लेकर कहा कि उमा जी मेरी बहन हैं। सम्मानित नेता हैं। सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनसे चर्चा और परामर्श निरंतर जारी रहता है। कल मैंने सीहोर में ये ऐलान किया था कि कर्मचारियों का चार प्रतिशत डीए (महंगाई भत्ता) बढ़ाया जाएगा। सीहोर में शिक्षकों ने स्मार्ट क्लास बनाकर शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम किया है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर में कार्यकर्ताओं से कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार निरंतर झूठे वादे कर रही है और इनके पास पुलिस, पैसा और प्रशासन के दबाव में लोगों को परेशान करने में लगे हुए है। उन्होंने अधिकारी कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि कान खोल के सुन लें, आठ माह बाद उनका अच्छा हिसाब लिया जाएगा।