Pooja Khedkar: पूजा खेड़कर को हाई कोर्ट से राहत, गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की समय सीमा बढ़ी, पुलिस ने जताई बढ़ी साजिश की आशंका
Former IAS officer Pooja Khedkar : दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण 4 अक्टूबर, 2024 तक बढ़ा दिया है, जो अगली निर्धारित सुनवाई की तारीख है। संबंधित वकीलों द्वारा विस्तृत प्रस्तुतियाँ देने के लिए समय मांगे जाने के बाद अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया। इस बीच, दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत को सूचित किया कि जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ रही है, मामले में एक बड़ी साजिश सामने आ रही है।
पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर पर आरोप है कि, उन्होंने 2022 यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण पाने के लिए गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए। पूजा खेड़कर के वकील ने यूपीएससी के इस दावे का जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था। पूजा खेड़कर ने तर्क दिया कि, उनके साथ जो कुछ भी हुआ वह एक अधिकारी के खिलाफ उनके द्वारा दर्ज की गई यौन उत्पीड़न की शिकायत का परिणाम था। उन्होंने अपने मामले पर मीडिया के रुख पर भी आपत्ति जताई थी।
पूजा खेड़कर के वकील ने यह भी मांग की कि कोई भी पक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस न करे। दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि, एजेंसी मीडिया के प्रभाव से स्वतंत्र रूप से काम करती है, जबकि यूपीएससी के वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया कि खेड़कर ने "खुद को एक 'पब्लिक फिगर' बना लिया है।"
यूपीएससी और दिल्ली पुलिस दोनों ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 अगस्त को खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था जिसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है।
दिल्ली पुलिस का तर्क है कि उन्हें कोई भी राहत देने से उनकी जांच में बाधा उत्पन्न होगी। दिल्ली पुलिस को इस मामले में "गहरी साजिश" की आशंका है।
जुलाई में, यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की थी। पूजा के खिलाफ आईपीसी, आईटी अधिनियम और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।