Supreme court on Maharashtra IAS: क्या महाराष्ट्र में रुक जाएगी लाडली बहिन योजना, IAS पर सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई से पनपी आशंका
सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को महाराज सरकार के एक आईएएस अधिकारी को एक व्यक्ति को मुआवजे के मामले में जमकर फटकार लगाई।
Supreme court on Maharashtra IAS: किसी ने किसी मुद्दे पर सरकार या फिर आला अधिकारी पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार जैसी सुनवाई अक्सर देखी गई है लेकिन एक मामला हाल ही में सामने आया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को महाराज सरकार के एक आईएएस अधिकारी को एक व्यक्ति को मुआवजे के मामले में जमकर फटकार लगाई, भले ही मामला मुआवजे का हो लेकिन सरकार की कई योजनाओं पर सवाल खड़े करने जैसा है।
जानें क्या थी सुनवाई
यहां पर आज मामले की सुनवाई की बात करें तो , इस शख्स की जमीन पर महाराष्ट्र सरकार ने छह दशक से ज्यादा समय तक अवैध कब्जा किया हुआ था. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि मुआवजे की गणना करने में देरी और लापरवाही भरा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है और महाराष्ट्र सरकार के आईएएस पर फटकार लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने की सुनवाई
आपको बताते चलें कि, सुप्रीम कोर्ट की बेंच जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई, जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने शख्स के मुआवजे में देरी के मामले में फटकार लगाते हुए वन एवं राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसमें कोर्ट पूछा कि विभाग की ओर से दायर हलफनामे में की गई अवमाननापूर्ण टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए।
क्या लाडली बहिन योजना पर लगेगा ब्रेक
सुप्रीम कोर्ट की इस सुनवाई के बाद चेतावनी सामने आई है कि, हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई लाडली बहिन योजना को रोका जा सकता हैं।कोर्ट ने कहा, 'जब राज्य ने मुआवजे की पुनर्गणना के विशेष उद्देश्य के लिए समय मांगा है, तो ऐसा किया जाना चाहिए था. ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य टालमटोल की रणनीति अपना रहा है।